दलसिंहसराय . प्रखंड की हरिशंकरपुर पंचायत के मथुरापुर में गुरुवार को आत्मा योजना अंतर्गत मिलेट्स (मडुआ) की खेती विषय पर किसान पाठशाला हुई. इसमें पाठशाला संचालक एवं मथुरापुर के प्रगतिशील कृषक अरुण कुमार चौधरी समेत 25 कृषक, दो प्रशिक्षक सहित आत्मा के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक ने भाग लिया. प्रशिक्षण के दौरान प्रखंड तकनीकी प्रबंधक शांता कुमार चौधरी ने कहा कि यह प्रत्यक्षण सह पाठशाला चार विभिन्न सत्रों में होगा है. यह प्रथम सत्र है. तीन सत्र बुवाई की गई मडुआ फसल की विभिन्न अवस्थाओं कल्ले निकालना, फूल आना व दाने भरना, दाने को पकना व फसल की परिपक्वता अवस्था में होनी है. कृषि को-ऑर्डिनेटर एवं पाठशाला प्रशिक्षक संजय कुमार हिमांशु ने किसानों को मोटे अनाज के अन्तर्गत आने वाले विभिन्न फसलों ज्वार, बाजरा, मडुआ, सावां, कोदो, चीना, कंगनी आदि के महत्व एवं उत्पादन तकनीक की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कभी हमारे जीवन में आहार का महत्वपूर्ण अंग होने वाले ये अनाज वर्तमान में हमारे खेतों एवं आहार से काफी दूर हो चुके हैं. हरित क्रांति से पूर्व यही अनाज हमारे जीवन शैली में शामिल थे. जिसके कारण हमारे पुरखों की लंबी उम्र एवं अच्छी सेहत सदैव बनी रहती थी. कृषि को-ऑर्डिनेटर एवं प्रशिक्षक आलोक कुमार ने कहा कि मोटे अनाज की खेती जलवायु के अनुकूल है. यह कम समय में तैयार होने वाली फसल है. जिसमें बहुत ही कम पानी एवं उर्वरक की आवश्यकता होती है. यह फसल सुखाड़ को भी सहन कर सकता है. इसमें कीट एवं रोग-व्याधि की समस्या भी कम आती है. उन्होंने किसानों से इन फसलों की खेती कर अपने आहार में शामिल कर बीमारियों से दूर रहकर स्वस्थ जीवनयापन की सलाह दी. मौके पर सहायक तकनीकी प्रबंधक अरविंद कुमार पांडेय, प्रगतिशील कृषक रजनीकांत चौधरी, मदन मोहन चौधरी, हरिओम चौधरी आदि उपस्थित थे.
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