Political news from Samastipur:समस्तीपुर : बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी चरम पर है. शराबबंदी पूरी तरह विफल है. जमीन सर्वे के नाम जमीन मालिकों का दोहन-शोषण किया जा रहा है. यह बातें जनसुराज के जिलाध्यक्ष राजकपूर सिंह ने कही. वे रविवार को शहर के हरपुर एलौथ स्थित संगठन के जिला कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा सत्र में सरकार जातीय जनगणना के वक्त 40 लाख बेघर परिवार को बैंक अकाउंट में 1 लाख 20 हजार, 92 लाख परिवारों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये सहायता राशि के रुप में प्रदान करने और भूमिहीन परिवार को 3 डिसमिल जमीन देने का वादा किया था. इसे अब तक पूरा नहीं किया. इसके खिलाफ जनसुराज आंदोलन प्रारंभ करेगा. जिले में प्रखंड स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा. मुख्यमंत्री का घेराव करते हुए इन सभी मुद्दाें पर सरकार का जवाब और हिसाब मांगा जायेगा. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा सत्र में राज्य सरकार ने जातीय जनगणना की घोषणा की. इस कार्य में सरकार के करीब 500 करोड़ रुपये खर्च हुआ. इसका हिसाब अब तक सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अभी जो भू सर्वेक्षण हो रहा है. उसमें तमाम जमीन वाले लोग परेशान हैं. सरकार किसानों की जमीन नाजायज रुप से हड़पना चाहती है. उन्होंने बताया कि बिहार में महज 20 प्रतिशत जमीन ही डीजिटल रुप से संरक्षित हुआ है. जबकि, अन्य राज्यों में यह काफी कम है. आंध्रप्रदेश में 80 प्रतिशत जमीन डिजीटल रुप से संरक्षित है. जमीन सर्वे के नाम पर इसमें प्राइवेट अमीन की बहाली कर लूट खसोट का अड्डा बनााया गया है. इस सभी मुद्दों पर जनसुराज आगे वृहत आंदोलन करेगी. मौके पर किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष साकेत, जिला महासचिव श्याम किशोर कुशवाहा, कोर कमेटी के सदस्य रामबालक पासवान, निरंजन ठाकुर, तारकेश्वरनाथ गुप्ता, इंदु गुप्ता, सत्यनारायण यादव मौजूद रहे.
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