समस्तीपुर : बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव सह राज्य नोडल पदाधिकारी ने डीएम को पत्र भेज वित्तीय वर्ष 2013-14 में पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल ग्रीन कोर कार्यक्रम के तहत निर्गत राशि का यूसी भेजने का निर्देश दिया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने डीइओ को तलब किया है.
मिली जानकारी के अनुसार, पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन को भारत सरकार ने नेशनल ग्रीन कोर योजना प्रारंभ की है. इसके तहत स्कूली बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाता है. ताकि स्कूलों के पर्यावरण में सुधार हो सके. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2013-14 में चयनित 151 स्कूलों को 2500-2500 रुपये की दर से तीन लाख 77 हजार 500 रुपये भेजे गये थे. सूत्रों की मानें, तो इनमें प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूल शामिल हैं. योजना में स्कूलों में गठित इको क्लब के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण के संबंध में जागरूक किया जाना था.
इसमें 30 से 50 विद्यार्थियों को शामिल करते हुए एक प्रभारी शिक्षक अपनी रुचि व पर्यावरण विषय के जुड़ाव के आधार पर इको क्लब की गतिविधियों का संचालन करने का निर्देश था. इसके लिए इंचार्ज व मास्टर ट्रेनर तैनात किये गये थे. स्कूलों को दी गयी धनराशि से स्कूलों में पर्यावरण सुधार को प्रतियोगिताएं होनी थीं. इसकी रिपोर्ट तैयार कर हर माह नोडल अधिकारी को देनी थी. बताते चलें कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन को 151 स्कूलों को रंग बिरंगे फूलों और फलदार पौधों से हरा-भरा रखने और पौधों की देखभाल करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन और बच्चों को दी गयी थी.
भारत सरकार की नेशनल ग्रीन कोर योजना के तहत स्कूली बच्चों को ऐसे अवसर प्रदान किया है, जिससे वह अपनी संवेदनशीलता व जागरूकता से टिकाऊ पर्यावरण की रचना कर सकें. इधर वित्तीय वर्ष 2013-14 में भी नेशनल ग्रीन कोर कार्यक्रम के तहत पर्यावरण जागृति एवं संरक्षण के लिए जिला कार्यान्वयन एवं मूल्यांकन समिति को भी 25 हजार व्यय करने की स्वीकृति प्रदान की गयी थी. निर्गत राशि का यूसी नहीं दिये जाने के कारण इस वित्तीय वर्ष के लिए राशि भारत सरकार के द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है.