फोटो संख्या : 6 विद्यालय शिक्षा समिति संशोधन एवं संभावना पर कार्यशाला में गुरु शिष्य परंपरा पर बलसमस्तीपुर. विश्वामित्र और वशिष्ठ ने दशरथ नंदन राम को भगवान राम बना दिया था. यही हमारी भारतीय संस्कृति है. गुरु शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति को विश्व को दिया गया अनोखा उपहार है. उक्त बातें जवाहर ज्योति बाल विकास केंद्र में आहूत विद्यालय शिक्षा समिति संशोधन एवं संभावना विषय पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए क्र ाई के शरदेन्दु बंदोपाध्याय ने कही. उन्होंने कहा कि स्कूल सिर्फ पोशाक, रसोई, साइकिल और पैसा वितरण का केंद्र नहीं है. वहां शिक्षा और विद्या का वातावरण हो ताकि संस्कारवान बनकर छात्र राष्ट्र निर्माता बनें. भारत का भविष्य बन सकें. इसके लिये आवश्यकता है कि शिक्षा पर समाज का नियंत्रण हो. केवल आलोचना कर हम शिक्षा समिति में सुधार नहीं कर सकते है. गैरसरकारी संगठनों को इसके लिये आगे आना चाहिए. राजकीय मध्य विद्यालय उदयपुर के प्रधानाध्यापक संजय कु मार सिंह ने शिक्षकों के दायित्व व प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. अध्यक्षता ओम प्रकाश पंाडेय ने की. मौके पर राजीव गौतम, यतीन दास, राजीव रंजन, संजय क ुमार बब्लू ,उमाशंकर सिंह, सोनाली कुमारी आदि शामिल थे.
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शिक्षा पर हो समाज का नियंत्रण : शरदेंदु
फोटो संख्या : 6 विद्यालय शिक्षा समिति संशोधन एवं संभावना पर कार्यशाला में गुरु शिष्य परंपरा पर बलसमस्तीपुर. विश्वामित्र और वशिष्ठ ने दशरथ नंदन राम को भगवान राम बना दिया था. यही हमारी भारतीय संस्कृति है. गुरु शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति को विश्व को दिया गया अनोखा उपहार है. उक्त बातें जवाहर ज्योति बाल विकास […]
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