पोस्टमार्टम के लिए तैनात फोरेंसिक विशेषज्ञ पर अंगुली उठने के बाद निकला आदेश
समस्तीपुर : सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हॉउस में पहुंचने वाले शवों का अंत्यपरीक्षण मात्र फॉरेंसिक विशेषज्ञ के ही भरोसे नहीं होगा. अब शवों का पोस्टमार्टम ऑब्जर्वर की निगरानी में होगा. इस तरह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट लिखे जाने में फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ-साथ ऑब्जर्वर की भी सहभागिता होगी. ताकि किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका या शिकायत की संभावना बनने की स्थिति पैदा नहीं हो. इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ़ सियाराम मिश्र ने आदेश निर्गत कर दिया है.
सिविल सर्जन ने इसको लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ़ एएन शाही के साथ-साथ सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को आदेश पत्र भेज दिया गया है. इसमें कहा गया है कि खासकर इमरजेंसी में ऑन ड्यूटी चिकित्सक ही पोस्टमार्टम में पर्यवेक्षक (ऑब्जर्वर) की भूमिका निभायेंगे. इमरजेंसी के ऑन ड्यूटी चिकित्सक अपने कार्य अवधि में आने वाले शवों के अंत्यपरीक्षण के समय ऑब्जर्वर के रूप में मौजूद रहेंगे.
अपने पर्यवेक्षण में फॉरेंसिक विशेषज्ञ को शवों का अंत्यपरीण करने में सहयोग करेंगे. यह व्यवस्था शुक्रवार से ही लागू कर दी गयी है. यहां बता दें कि पोस्टमार्टम के लिए तैनात फॉरेंसिक एक्सपर्ट के रिपोर्ट पर उंगली उठने के बाद सिविल सर्जन ने यह निर्णय लिया है.
बताया जाता है कि कल्याणपुर के एक केस के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर वादी ने सवाल खड़े कर दिये थे. इसमें पोस्टमार्टम करने वाले फारेंसिक विशेषज्ञ पर रुपये लेकर रिपोर्ट लिखने का आरोप लगाया गया था. जिसकी जांच जिलाधिकारी के आदेश पर मेडिकल बोर्ड के द्वारा किया गया था. हालांकि जानकार सूत्रों का बताना है कि इस मामले में मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक विशेषज्ञ को क्लीनचीट दे दी है.