रक्षा बंधन. भाइयों की कलाई पर सजेगा बहनों का प्यार
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राखियों से पटा बाजार
रक्षा बंधन. भाइयों की कलाई पर सजेगा बहनों का प्यार समस्तीपुर : माथे पर चंदन का टीका, कलाई पर लंबी उम्र की दुआ का धागा बांधने का पवित्र पर्व रक्षाबंधन की तैयारी जोर शोर से चल रही है. बाजार में दुकानें सज चुकी हैं. दुकानदार भी बहनों की पसंद को ध्यान में रखते हुए गिफ्ट […]
समस्तीपुर : माथे पर चंदन का टीका, कलाई पर लंबी उम्र की दुआ का धागा बांधने का पवित्र पर्व रक्षाबंधन की तैयारी जोर शोर से चल रही है. बाजार में दुकानें सज चुकी हैं. दुकानदार भी बहनों की पसंद को ध्यान में रखते हुए गिफ्ट पैक तैयार कर रहे हैं. चॉकलेट पैकेट, मेकअप किट, फैशनेबल ड्रेस, जरकिन पेंडेंट आदि खरीदने का क्रेज बढ़ा है. दुकानदारों ने गिफ्ट में देने के लिए चॉकलेट पैक तैयार किये हैं. 1000 रुपये के पैक में सभी साइज की चॉकलेट रखी गयी है. इसे गिफ्ट पैक व थाली के रूप में सजाया गया है.
हाथों पर मोटू-पतलू व छोटा भीम भी…: चंदन, रुद्राक्ष के साथ बाजार में इस बार छोटे भाई बहनों को कार्टून की राखियां भी पसंद आ रहीं हैं. कंपनियों ने मोटू-पतलू, डोरीमोन, डॉल, छोटा भीम, मोर पंख, फूल राखी भी तैयार की हैं. इसके अलावा क्रिस्टल बीटस, फैंसी पत्थर राखियां भी हाथों में नजर आयेंगी. जयपुरी पटका राखी भी बहनें भाइयों के लिए खरीद रही हैं.
रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण की छाया : भाई बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर इस वर्ष चंद्रग्रहण की छाया में है. हालांकि, संतोषजनक बात यह है कि भद्राकाल में भी बहनें भाई की कलाई पर प्रेम का धागा बांध सकेंगी. सात अगस्त को पूर्वाह्न 11.08 बजे तक भद्रा रहेगी. वैसे भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है, लेकिन इस वर्ष बहनें बांध सकेंगी. श्रवणी पूर्णिमा के दिन मकर राशि में चंद्रमा के होने के कारण भद्रा का निवास पाताल में होगा. इसलिए राखी बांधने पर किसी तरह का दोष नहीं लगेगा. रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 11.08 बजे से दोपहर 1.51 बजे तक है चूंकि भद्रा का कोई महत्व नहीं है. इसलिए सूर्योदय से दोपहर 1.51 बजे तक राखी बांधी जा सकेगी. 1.52 बजे चंद्रग्रहण का सूतक लग जायेगा. सूतक में राखी बांधने का विधान नहीं है.
आधे दिन महादेव के दर्शन : सावन महीने की अंतिम सोमवारी को चंद्रग्रहण पड़ रहा है. दोपहर 1.52 बजे चंद्रग्रहण का सूतक लग जायेगा, ऐसे में सभी मंदिरों के पट बंद हो जायेंगे. किसी भी हालत में चाहे शिवालय हों या अन्य किसी भी देवी देवता के
मंदिर कहीं भी सूतक व ग्रहण काल में दर्शन नहीं होंगे.
चंद्र ग्रहण रात 10.52 से 12.48 बजे तक
चंद्र ग्रहण रात 10.52 से 12.48 बजे तक रहेगा. इस वर्ष चंद्रग्रहण भारत वर्ष में दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक लगेगा. सूतक व ग्रहण काल में जिन मंत्रों का जप किया जायेगा. वे सिद्ध हो जायेंगे. सोमवार को ग्रहण पड़ रहा है. इसलिए इस दिन किया गया दान अनंत पुण्य देने वाला है.
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