चांदनी चौक की गोशाला की भूमि पर कब्जा किये 23 लोगों को सदर एसडीओ ने भेजा नोटिस 11 जून तक दुकान हटाने का दिया निर्देश , बरियाही बाजार में छह बीघा एवं नगर निगम में एक बीघा जमीन है अतिक्रमित निवर्तमान सदर एसडीओ ने भेजा था नोटिस सहरसा . नगर निगम क्षेत्र के चांदनी चौक व बरियाही बाजार स्थित गौशाला की जमीन से अवैध कब्जे हटाने को लेकर सदर एसडीओ प्रदीप कुमार झा ने अपने तबादले से पूर्व नोटिस जारी कर गौशाला की जमीन को खाली करने का निर्देश दिया. निवर्तमान सदर एसडीओ प्रदीप कुमार झा ने चांदनी चौक स्थित गौशाला की जमीन पर व्यवसाय कर रहे 23 लोगों को नोटिस जारी किया है. कहा है कि 11 जून तक हर हाल में वैकल्पिक व्यवस्था कर व्यवसायी अपनी संरचना हटा लें. ऐसा नहीं करने पर बलपूर्वक संरचना हटाने की कार्रवाई की जायेगी. नोटिस में यह भी बताया गया है कि बीते 25 अप्रैल को सहरसा व बनगांव गोशाला समिति की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था. अंचल अधिकारी कहरा की रिपोर्ट के अनुसार कब्जाधारियों से दस्तावेज मांगे गये थे. जवाब में सिर्फ मासिक किराया की रसीदें उपलब्ध करायी गयी थी. इकरारनामा से संबंधित कोई वैध कागजात नहीं पेश कर पाया था. गौशाला विकास पदाधिकारी पटना के पत्र व समिति की बैठक के निर्णय के आधार पर संरचनाएं हटाने का आदेश दिया गया है. बरियाही गौशाला को है छह बीघा जमीन सदर प्रखंड कहरा में दो जगहों पर गौशाला की जमीन है. जहां वर्षों पूर्व गायों को पाला जाता था. लेकिन धीरे धीरे यह बंद हो गया एवं यहां अतिक्रमण का खेल शुरू हुआ. गौशाला कमेटी सदस्य लेन देन कर गौशाला की जमीन भाड़े पर देती रही. जो आज जिला प्रशासन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. बरियाही बाजार में गौशाला को छह बीघा जमीन है. जहां सुधा डेयरी एक बीघा से अधिक जमीन पर अपना कारोबार कर रही है. वहीं कुछ भूमि अतिक्रमण में है तो कुछ भूमि खाली है. जबकि नगर निगम क्षेत्र के चांदनी चौक के निकट अति मूल्यवान एक बीघा जमीन है. जिस पर व्यवसायियों का पूरी तरह कब्जा है. नाम मात्र भाड़ा के एवज में यह जमीन पूरी तरह अतिक्रमित कर ली गयी है. स्थानीय लोगों के अनुसार वर्ष 1995 तक लोग यहां सुबह शाम दूध के लिए कतार लगाते थे. लेकिन धीरे-धीरे यह गौशाला व्यावसायिक स्थल में बदलता गया. अब यहां कब्जा कर पक्के मकान बनाकर दुकानें खोल दी गई हैं। इनमें बिस्कुट फैक्ट्री, रेल टिकट काउंटर, आलू के आढ़त, पीडीएस दुकान, चश्मे की दुकानें चल रही है. यहां 23 लोग अपना अलग अलग व्यवसाय कर रहे हैं. उच्च न्यायालय में चल रहा अवमानना का मामला गौशाला विकास पदाधिकारी पटना डॉ राकेश कुमार ने 10 जुलाई 2023 को ही सभी अनुमंडल पदाधिकारी सह अध्यक्ष गौशाला कार्य समिति को पत्र भेज उच्च न्यायालय पटना के अवमानना बाद की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था. जिसमें गौशाला की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने एवं लीज पट्टे पर दिये गये गौशाला की परिसंपत्ति को रद्द करते गौशाला की भूमि का उपयोग गौशाला से पृथक नहीं करने संबंधी आदेश प्राप्त होने की बात कही थी. इस संबंध में सभी जिलाधिकारी को भी विभाग ने इस आदेश की से अवगत कराया था. गौशाला विकास पदाधिकारी ने दिए पत्र में कहा कि शिकायतें मिल रही है कि गौशाला की भूमि को संबंधित गौशाला कमेटी द्वारा आदेश को नजरअंदाज कर गौशाला परिसंपत्तियों को अपने निजी लाभ के लिए लीज पर दी गयी है. जबकि बिहार राज्य गौशाला एक्ट में भूमि को लीज पर देने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है. जिस संबंध में पटना उच्च न्यायालय में अवमाननावाद मामले की सुनवाई लंबित है. उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को उनके नियंत्रणाधीन अनुमंडल स्थित गौशाला में प्रबंध समिति के सदस्यों द्वारा गौशाला भूमि को अपने संबंधियों या अन्य को दिये जाने संबंधी पुष्टि होती है तो तत्काल नियमानुसार लीज रद्द करते हुए ऐसे सदस्यों पर सुसंगत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. चांदनी चौक गौशाला में सदस्यों पर किराया वसूल करने का आरोप स्थानीय निवासी संजय कुमार सिंह ने इस अनियमितता के खिलाफ आवाज उठायी. उन्होंने सदर अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर बताया था कि वार्ड-34 के पास स्थित गौशाला की जमीन पर पक्के मकान बनाए गये हैं एवं उनमें दुकानें चलाई जा रही है. आरोप यह भी था कि कार्यसमिति के कुछ सदस्य जमीन को किराए पर देकर हर माह 15 से 20 हजार रुपये वसूली कर रहे हैं. जबकि समिति के खाते में सिर्फ कुछ हजार रुपये ही दिखाए जाते हैं. नौ अक्तूबर 2023 को संजय कुमार सिंह ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी. इसमें गौशाला विकास पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया था कि अनुमंडल पदाधिकारी को पहले ही सूचना दी जा चुकी हैं. अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी उन्हीं की है. दुकानदारों ने की व्यवस्था कराने की मांग चांदनी चौक स्थित गौशाला की जमीन पर कारोबार कर रहे दुकानदारों का कहना है कि वे पिछले 20 से 30 वर्षों से यहां कारोबार कर रहे हैं. कोई जबरदस्ती यह व्यवसाय नहीं कर सकता है. पदेन अध्यक्ष सदर अनुमंडल पदाधिकारी के संज्ञान में सभी जानकारी थी. लेकिन पूर्व में ऐसा कुछ नहीं किया गया. अब वे कहां जायेंगे. प्रशासन उनलोगों को पुनवर्वासित करे. गौशाला कार्यसमिति के तीन सदस्य नरोत्तम तिवारी, विमलचंद्र दत्ता एवं कृपाशंकर ओझा अब नहीं रहे. अन्य सदस्यों में शालीग्राम देव, घनश्याम चौधरी, रामविलास रजक, राणा रणधीर सिंह, नमिता पाठक, रमेश चंद्र यादव एवं रतन सिंह शामिल हैं. दो पदेन सदस्य में जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी होते हैं. स्थानीय लोगों ने भी मांग की है कि जमीन की चाहारदीवारी कराकर गोशाला में गायों के पालन-पोषण की व्यवस्था की जाये.
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