25.2 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जलकुंभी का विवेकपूर्ण उपयोग ला सकता है सकारात्मक परिवर्तनः विधायक

जलकुंभी का विवेकपूर्ण उपयोग ला सकता है सकारात्मक परिवर्तनः विधायक

जलकुंभी से खाद निर्माण व अन्य लाभदायक उत्पाद निर्माण को लेकर हुआ प्रशिक्षण सत्र सह जागरूकता कार्यक्रम सहरसा . जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के अगवानपुर स्थित मंडन भारती कृषि महाविद्यालय के सौजन्य से सोमवार को जलकुंभी से खाद निर्माण व अन्य लाभदायक उत्पाद निर्माण संबंधित प्रशिक्षण सत्र सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक महिषी गुंजेश्वर साह ने संबोधित करते कहा कि इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति के कारण जलकुंभी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. जिसके फलस्वरूप परंपरागत कृषि फसलों का उत्पादन प्रभावित होता रहा है. जलकुंभी का विवेकपूर्ण उपयोग सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है. उन्होंने कहा कि कृषि फसलों के उत्पादन के वृद्धि के लिए वर्तमान में प्रयुक्त खाद ना केवल उर्वरा शक्ति को प्रभावित करती है. बल्कि खाद में विद्यमान तत्वों के कारण स्वास्थ्य भी दुष्प्रभावित होता है. कृषि फसलों के उत्पादन में वृद्धि के लिए अन्य विकल्पों पर भी गहन विचार आवश्यक है. जलकुंभी से खाद बनाने की प्रक्रिया इस दिशा में एक सराहनीय कदम है. इसी बिंदु पर विचार विमर्श के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया है. विधायक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्षेत्र के विकास, बाढ़ से मुक्ति के लिए लगातार ठोस प्रयास किये जा रहे हैं. विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने कहा कि जलकुंभी जिसे सामान्य रूप में कृषि फसलों, जलीय जीवों के लिए एक अवरोध के रूप में समझा जाता है, के लाभप्रद उपयोग के संबंध में विचार विमर्श, प्रशिक्षण के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो एक सराहनीय प्रयास है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अनेकों योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है. आवश्यकता है कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के समावेश करने की. उन्होंने कहा कि कृषि महाविद्यालय में अध्ययरत छात्रों, कृषि कार्यालय में कार्यरत कर्मियों, पदाधिकारियों को नवीनतम तकनीकों के प्रचार प्रसार कार्य के लिए आगे आना चाहिए जो उनका दायित्व भी है. जिलाधिकारी ने कार्यशाला में मौजूद प्रशिक्षणार्थियों को जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सिखाए गये गुर को पूर्ण तन्मयता से ग्रहण करने की सलाह दी. वहीं कृषि महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो डॉ अरुणिमा कुमारी ने अपने संबोधन में जागरूकता कार्यक्रम के उद्देश्यों के संबंध में प्रकाश डालते हुए कि जलकुंभी जिसे अभिशाप के रूप में समझा जाता है, का विवेकपूर्ण उपयोग लाभप्रद भी होता है. इसको डीकंपोस्ट करके हानिरहित खाद में परिवर्तित किया जा सकता है. जो परंपरागत रसानायिक खाद के बदले एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इसके अतिरिक्त जलकुंभी से अन्य लाभप्रद उत्पाद का निर्माण संभव है. जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने जलकुंभी के लाभप्रद उपयोग के बारे में जानकारी देते इसके व्यापक प्रचार प्रसार की अपील की. आयोजित जागरूकता सह प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ विधायक गुंजेश्वर साह, जिलाधिकारी वैभव चौधरी, प्राचार्या कृषि महाविद्यालय प्रो डॉ अरूणिमा, जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, उप निदेशक जनसंपर्क आलोक कुमार सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel