बनमा ईटहरी . प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायत में तेज हवा और मुसलाधार बारिश से सैकड़ों एकड़ भूमि में लगी मक्का की फसल बर्बाद होने के बाद मक्का किसान काफी चिंतित हैं. प्रशासन के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मुंह मोड़ लिया है. जिसके कारण किसान अपनी बदहाली के बीच उदासीन बने बैठे हैं. हालांकि किसान खेतों से लेकर सड़क तक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. फिर भी सरकारी तंत्र गहरी नींद में सोयी हुई है. आंधी तूफान के बाद खेतों में गिरी मक्के की फसल से जहां किसानों को भारी नुकसान हुआ है, वहीं फसल सर्वे में प्रखंड कृषि पदाधिकारी हरेराम सिंह ने सर्वे रिपोर्ट शून्य कर जिला कार्यालय को समर्पित किया. जिसके विरोध में किसानों ने खेत से लेकर सड़क तक प्रदर्शन किया. जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला कृषि पदाधिकारी ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर मक्का फसल का आकलन कराया. जिसमें नुकसान का खुलासा जांच टीम ने किया. लेकिन बीस से पच्चीस दिन बीतने के बाद आजतक किसानों का ऑनलाइन आवेदन नहीं लिया गया है. एक सप्ताह बाद फसल कटने योग्य हो जायेगी. फिर किसानों को कहा जायेगा कि खेतों में नुकसान का फसल के साथ फोटो उपलब्ध कराया जाये. जो संभव नहीं हो पायेगा. इस परिस्थिति में किसानों को मुआवजा से वंचित रखा जायेगा. सरकार के द्वारा ऐसी स्थिति में पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण किसानों को लाभ से वंचित रखा जायेगा.
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