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कैसे चुकायेंगे बैंक का ऋण
किसान ने खेत में अच्छे तरह से मक्के का बीज लगाया. 4 माह में पौधा तैयार भी होगया और उसमें मक्के की बाली भी निकली. बाली निकलने से 20 से 25 दिन के भीतर वह सूखने लगी. धीरे-धीरे खेत का सारा पौधा सूख रहा है. बायसी : प्रखंड अंतर्गत मीनापुर पंचायत के सिमलया गांव में […]
किसान ने खेत में अच्छे तरह से मक्के का बीज लगाया. 4 माह में पौधा तैयार भी होगया और उसमें मक्के की बाली भी निकली. बाली निकलने से 20 से 25 दिन के भीतर वह सूखने लगी. धीरे-धीरे खेत का सारा पौधा सूख रहा है.
बायसी : प्रखंड अंतर्गत मीनापुर पंचायत के सिमलया गांव में किसान मो आवेश के 2 एकड़ मक्का खेत में दाना नहीं आने से वह काफी परेशान हैं. जानकारी अनुसार उसने दिसंबर माह में बायसी बाजार के एक बीज भंडार से 8 हजार रुपये का बीज खरीदा था. खेत को अच्छी तरह तैयार कर मक्का का बीज लगाया. 4 माह में पौधा तैयार भी हो गया और उसमें मक्का की बाली भी निकली. बाली निकलने से 20 से 25 दिन के भीतर वह सूखने लगी. धीरे-धीरे खेत का सारा पौधा सूख रहा है.
खेत को देख कर मो आवेश ने काफी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उसने केसीसी लोन लेकर मक्का की खेती की थी. अब तक उसका 40 हजार रुपया 2 एकड़ खेती में खर्च हो चुका है .अब उसे इस बात की चिंता सता रही है कि फसल खराब होने से वह बैंक का कर्ज कैसे चुकता कर सकेगा. जबकि उसके खेत के बगल में मो फजलू, मो फायक एवं मो जुबेर की मक्का फसल बिल्कुल ठीक है. इसलिए किसान को आशंका है कि उसे अवमानक बीज दिया गया. इस ओर प्रखंड कृषि पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट करते हुए खेत की कृषि वैज्ञानिक से जांच की मांग की है. किसान ने कहा कि हमारी रोजी रोटी खेती पर िटकी है अगर फसल बरबाद हो गयी तो हम भी बरबाद हो जायेंगे.
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