महंगाई की मार. दाल नहीं खरीद पा रहे लोग
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अब थाली से गायब हो रहीं हरी सब्जियां
महंगाई की मार. दाल नहीं खरीद पा रहे लोग बारिश से जिले में सब्जी की खेती चौपट, 40 रुपये किलो बिकने लगे बैंगन बाजार में ग्राहक की कमी, घाटे में व्यवसाय सहरसा : शहर के सब्जी बाजार में इन दिनों ग्राहक नजर नहीं आ रहे. सब्जी पर इस कदर महंगाई का रंग चढ़ा कि लोग […]
बारिश से जिले में सब्जी की खेती चौपट, 40 रुपये किलो बिकने लगे बैंगन
बाजार में ग्राहक की कमी, घाटे में व्यवसाय
सहरसा : शहर के सब्जी बाजार में इन दिनों ग्राहक नजर नहीं आ रहे. सब्जी पर इस कदर महंगाई का रंग चढ़ा कि लोग सब्जी खरीदना और खाना ही भूल गये. आलम यह है कि जो व्यक्ति सब्जी किलो के भाव में खरीदते थे,अब उसके भाव सुन हैरत से देखते रह जाते हैं. मध्यमवर्गीय परिवार तो हरी सब्जी का स्वाद ही भूलता जा रहा है. जिले में लगातार हो रही बारिश, अन्य प्रदेशों से आवक में हुई कमी के कारण सब्जी आम लोगों के पहुंच से दूर हो गयी है. आम लोग इन दिनों आलू-सोयाबीन, आलू-मटर की सब्जी दिन रात खाने को मजबूर हैं. बाजार में अब केवल अन्य प्रदेशों से आ रही सब्जी ही उपलब्ध हो पा रही है.
हर सब्जी की कीमत बढ़ी: बाजार में इन दिनों हर सब्जी की कीमत बढ़ गयी है. बैंगन 50 रुपये किलो बिक रहा है तो भिंडी 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है. टमाटर 60 रुपये के भाव से तो आलू 24 रुपये किलो की दर से खरीदने को लोग मजबूर हैं.
बारिश से खेती चौपट: सब्जी की कीमत बढ़ने का सबसे अहम कारण जिले में सब्जी की खेती का चौपट होना है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जुलाई माह में 301 एम एम बारिश हुई. इसके अलावा नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में पानी होने के कारण नवहट्टा, सलखुआ, महिषी के कई क्षेत्रों में बाढ़ आयी. इस कारण इन क्षेत्रों में सब्जी की खेती पूरी तरह चौपट हो गयी. सब्जी के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में इन प्रखंडों की गिनती होती है. अकेले सलखुआ ही जिले की कुल सब्जी के खपत का 40 फीसदी आपूर्ति करता है. पर बाढ़ आ जाने के कारण इन क्षेत्रों की खेती पूरी तरह बरबाद हो गयी है.
बाजार को लगी नजर : सुबह से शाम तक खरीदारों से गुलजार रहने वाला सब्जी बाजार इन दिनों ग्राहक के दर्शन को तरस रहा है. ना जाने इस बाजार को किसकी नजर लगी कि दिन भर में सौ खरीदार भी नहीं आ रहे हैं. एक तो महंगाई ने बाजार को प्रभावित किया है. दूसरी सब्जी बाजार में गंदगी ने लोगों को परेशान कर रखा है. लोगों को चलने तक में परेशानी होती है. इससे बाजार के विक्रेताओं को हर दिन हजारों का नुकसान हो रहा है. सब्जी की कीमत अधिक होने के कारण खरीदार नहीं आ रहे हैं. दूसरा बारिश है. ऐसे में सब्जी अधिक दिनों तक बाजार में टिक नहीं पा रही है. इस कारण अब सब्जी सड़ने लगी है. विक्रेता अरविंद, परवेज, शिवम साह, बिजली, शकुंतला बताती हैं पिछले चार पांच सालों में ऐसी खराब स्थित कभी नहीं आयी थी. अन्य प्रदेश से सब्जी मंगाते हैं, पर खरीदार नहीं आने के कारण सब्जी खराब हो जाती है और उसे फेंकना पड़ता है. इस कारण हर दिन हजारों का नुकसान हो रहा है.
प्रभात पड़ताल
मंगलवार को बाजार में हरी सब्जी की कीमत
बैंगन 40 रुपये प्रति किलो
भिंडी 30 से 40 रुपये
कद्दू 25 रुपये प्रति पीस
झींगा 15 से 20 रुपये
कुंदली 25 से 30 रुपये
पालक 25 से 30 रुपये
झिंगली 20 से 30 रुपये
कदीमा 25 रुपये किलो
परवल 40 रुपये से 50 रुपये
करैला 50 रुपये
खीरा 60 से 80 रुपये
फूलगोभी 110 रुपये
पत्ता गोभी 60 से 70 रुपये
बोरा 40 रुपये
आलू 22 से 25 रुपये
नींबू 10 रुपये जोड़ा
ओल चलानी 60 रुपये
ओल देसी 120 रुपये
केला कच्चा 40 रुपये दर्जन
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