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बंद हो सकता है ट्रेन परिचालन

शुक्रवार को कोसी नदी का डिस्चार्ज दो लाख 17 हजार क्यूसेक पहुंच गया. इस कारण सहरसा-मानसी रेलखंड पर पानी का दबाव बढ़ गया है. कभी भी इस रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बंद हो सकता है. सिमरी (सहरसा) : शुक्रवार को कोसी नदी में पानी का डिस्चार्ज घंटे दर घंटे बढ़ता रहा. जो शाम छह […]

शुक्रवार को कोसी नदी का डिस्चार्ज दो लाख 17 हजार क्यूसेक पहुंच गया. इस कारण सहरसा-मानसी रेलखंड पर पानी का दबाव बढ़ गया है. कभी भी इस रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बंद हो सकता है.
सिमरी (सहरसा) : शुक्रवार को कोसी नदी में पानी का डिस्चार्ज घंटे दर घंटे बढ़ता रहा. जो शाम छह बजे बढ़ कर दो लाख 17 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया. यही स्थिति रही तो सहरसा-मानसी रेलखंड पर शीघ्र ही ट्रेन का परिचालन बंद हो जायेगा और सहरसा का राजधानी पटना सहित देश छुनियां से सीधा रेल संपर्क टूट जायेगा.
बीते दो दिनों से फनगो हॉल्ट के पास नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से ट्रैक और कोसी नदी की दूरी अब चार मीटर से भी कम बची है. नदी के बढ़ते दबाव से कभी भी रेलखंड पर ब्रेक लगने की घोषणा रेलवे द्वारा हो सकती है. वहीं शुक्रवार की सुबह से जलनिस्सरण क्षेत्र कोसी बराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से कटाव स्थल के निकट पुल संख्या 47 के पास भी जलस्तर मे वृद्धि हो गई है.
शुक्रवार सुबह पुल संख्या 47 का जलस्तर 36.60 था. जो खतरे के निशान से डेढ़ मीटर से भी कम है. इधर, स्पर संख्या छह और सात के बीच कटाव स्थल पर गुरुवार की तरह शुक्रवार दिनभर भी जबरदस्त कटाव जारी रहा. ग्रामीणों के अनुसार पानी की स्थिति देख यह लग रहा है की यदि रेलवे द्वारा तुरंत बड़े पैमाने पर ध्यान नहीं दिया गया तो अगले दो दिनों मे रेलखंड को बचाना असंभव हो जायेगा.
लापरवाह है फुलेना कंस्ट्रक्शन: वहीं कटाव को लेकर आसपास के ग्रामीणों के मुताबिक रेलखंड पर कटाव नही रुक पाने की सबसे बड़ी वजह रेलवे की सुस्ती और कटाव रोकने के लिए अधिकृत फुलेन कंस्ट्रक्शन कम्पनी ही है. ग्रामीण बताते हैं कि कम्पनी का बोल्डर गिराने का तरीका सदैव गलत रहा है.
ग्रामीणों के अनुसार जमीन के तल से बांस-बल्ला सेट कर बोल्डर लगाने की बजाय कंस्ट्रक्शन कम्पनी ऊपरी सतह पर बोल्डर लगा खानापूर्ति करती है और रेल से जुड़े अधिकारी उन्हीं बोल्डरो को देख कर संतुष्ट हो जाते हैं. जानकारों के मुताबिक यदि कटाव की रफ्तार ऐसे ही जारी रही और तो अगले एक दो दिन मे कोसी इलाके का राजधानी सहित अन्य जगहों से सीधा रेल सम्पर्क भंग हो जायेगा और लगभग नब्बे लाख लोगो से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे.ग्रामीण कहते हैं कि जब तक पानी पटरी के पास नहीं आता है, तब तक रेल प्रशासन हरकत में नहीं आता.

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