19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कैसे होगा पोस्टमार्टम भवन का है इंतजार

शहर का पोस्टमार्टम भवन जीर्णशीर्ण हो रहा है. जबकि नये भवन निर्माण पर लगा ग्रहण छंट नहीं रहा. ऐसे में आम लोगों को परेशानी हो रही है. न्यायिक प्रक्रिया में भी गति रोध हो रहा है. सहरसा सिटी : प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम भवन खुद अपने पोस्टमार्टम के लिये इंतजार […]

शहर का पोस्टमार्टम भवन जीर्णशीर्ण हो रहा है. जबकि नये भवन निर्माण पर लगा ग्रहण छंट नहीं रहा. ऐसे में आम लोगों को परेशानी हो रही है. न्यायिक प्रक्रिया में भी गति रोध हो रहा है.
सहरसा सिटी : प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम भवन खुद अपने पोस्टमार्टम के लिये इंतजार कर रहा है. बिहार मेडिकल सर्विस इंफ्रास्ट्रˆर प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से अस्पताल परिसर स्थित जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय के बगल में साठ लाख की लागत से अत्याधुनिक पोस्टमार्टम भवन का निर्माण होना था. लेकिन अभी तक इसकी नींव भी नही रखी गयी है.
बीमार लोगों के इलाज में अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप तो लगता ही है, लेकिन शायद अब मुर्दा शरीर भी अस्पताल प्रशासन के कुव्यवस्था का भेट चढ़ रहा है. अस्पताल के उत्तरी भाग में चदरे की छत में पोस्टमार्टम हाउस बनी हुई है. जहां मूर्दे की चीर फाड़ के लिए जिस प्रकार के औजार और तकनीक का व्यवहार किया जा रहा है. जो आज के जमानें में बेइमानी साबित हो रही है.
मानक के अनुरुप नहीं होता पीएम
कई उपयोगी सुविधाओं से विहीन सदर अस्पताल शव गृह और पोस्टमार्टम में भी पिछड़ा है. लोग कहते है कि यहां मौत के बाद ही चैन नसीब होती है, लेकिन यहां तो मूर्दों को भी जिल्लत उठाना पड़ता है.
पोस्टमार्टम के लिए हेल्थ सर्विस एडवाइजरी कमेटी ने 1991 में यह निर्देश जारी किया था किसभी पोस्टमार्टम हाउस में इम्यूनिटी, वाटर सप्लाई, स्टरलाइजेशन, बिजली इत्यादि की व्यवस्था दुरूस्त होनी चाहिए. वर्ष 2002 में सीओ एस एच एच ने भी पोस्टमार्टम हाउस के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किये थे. जिसके अनुसार पोस्टमार्टम हाउस के पास प्रतिक्षालय भी होनी चाहिए. शवों के चीर-फाड़ करने के बाद ही डॉक्टर दो मिनट के लिए नजर मार लेते है. ऐसे में जांच रिपोर्ट की सत्यता भी घेरे में आ जाती है. जिंदगी के बाद अहम योगदान रखने वाला यह प्रभाग अस्पताल परिसर से कटा हुआ है. तत्काल रिपोर्ट के लिए जिद करने वाले परिजनों द्वारा अस्पताल में कई बार तोड़-फोड़ भी हो चुकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें