सहरसा : नगरदो दशक पहले से ही शहर के बंगाली बाजार स्थित रेलवे फाटक संख्या 30 पर उपरी पुल ओवर ब्रिज की जरूरत महसूस की जा रही है. रेल मंत्रालय ने ससमय शिलान्यास भी किया.
लेकिन लंबे समय तक कार्यारंभ नही किया जा सक ा है. बड़ी रेल लाइन के उद्घाटन के मौके पर एक बार फिर शिलान्यास हुआ और इस बार भी काम ठंढे बस्ते में ही पड़ा रहा. इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद शरद यादव ने लोगों को भरोसा दिया कि उनके कार्यकाल में ओवरब्रिज का निर्माण शुरु हो जायेगा.
लेकिन शरद जी ने भी शिलान्यास की परंपरा को आगे बढ़ाकर जनता को जाम में छटपटाने के लिए छोड़ दिया. मामला आज भी साल भर बाद ढ़ाक के तीन पात साबित हो रहा है. सहरसा पहुंचे समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम ने कहा कि आरओबी निर्माण को लेकर खर्च होने वाली राशि का आधा हिस्सा राज्य सरकार को वहन करना है.
उन्होंने कहा कि राज्यांश मिलने के बाद रेलवे पुल निर्माण शुरु करेगी. सड़क जाम से होती है परेशानी नारायण कहते है कि सुंदर शहर की कल्पना ओवरब्रिज के बिना नहीं की जा सकती है. प्रवीण संजय कहते हैं कि ओवरब्रिज अभियान के लिए प्रभात खबर को साधुवाद. अभियान में सभी को सहयोग करना चाहिए. मो इरफान कहते हैं कि हमेशा ट्रेन पकड़ने में ओवरब्रिज का नहीं होना बाधक बनता है, लोगों को काफी परेशानी होती है.
सुनील साह कहते हैं कि ओवरब्रिज आमलोगों की जरुरत है, जनता को इसके समाधान के लिये हो रहे आंदोलन में सहयोग करना चाहिए. आनंद कुमार कहते हैं कि अब तो गाड़ी नहीं पैदल ही बाजार जाता हूं, जनप्रतिनिधियों के लिए ओवरब्रिज नहीं बनना वाकई शर्म की बात है, जनता आंदोलन कर रही है.
पंकज साह कहते हैं कि जन प्रतिनिधियो की संवेदना समाप्त हो चुकी है. उन्हें समाज से कोई लेना देना नहीं रहा, वरना ओवरब्रिज तो बनना ही था. रविरंजन कहते हैं कि सड़क जाम से मुक्ति के लिये ओवरब्रिज ही एकमात्र रास्ता है, जन प्रतिनिधियों की सुस्ती जनता देख रही है.
सुनिए सरकारप्रभात खबर द्वारा शहर में ओवरब्रिज की मांग को लेकर आप पाठकों के सहयोग से बीते चार वर्षों में कई निर्णायक लड़ाई लड़ी गयी है. जिसका परिणाम है कि अब निर्माण का अड़ंगा समाप्त होने लगा है.
अब जरूरत है हम, आप व राज्य सरकार के सजग होने की. सड़क जाम से जुड़े अनुभव व तस्वीर हमसे साझा करे. फोन व व्हाट्सएप: 94318-07274 दोपहर बारह बजे गंगजला ढाला की है, जिसे हमारे पाठक अंजन आर्यन ने भेजी है.