सहरसा : शहरमंगलवार की सुबह पंजाब ले जाये जा रहे 13 बच्चों को चाइल्ड लाइन के प्रयास से मुक्त कराया गया. बच्चों को ले जा रहे तीन बिचौलिये भी धराये. मुक्त कराये गए सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन ले जाया गया. जबकि तीनों बिचौलियों को सदर थाने को सुपुर्द कर दिया गया है.
चाइल्ड लाइन के समन्वयक बाल किशोर झा ने बताया कि बच्चों को पंजाब ले जाने की गुप्त सूचना मिली थी. शहर के प्रशांत मोड़ के निकट मैजिक गाड़ी से तीन बिचौलियों के साथ ट्रेन पकड़ने स्टेशन जा रहे 13 बच्चों को मुक्त कराया गया. ये बिचौलिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को पैसे का प्रलोभन दे काम दिलाने जनसाधारण ट्रेन से पंजाब के जालंधर व गुरुद्वारा ले जा रहे थे. सदर थाने को सुचना देकर मधेपुरा सनवारा निवासी सुदीन शर्मा, अनिरुद्ध शर्मा, बबलू शर्मा को सुपुर्द कर दिया गया.
जबकि मुक्त कराये गये मधेपुरा रतनवाड़ के मिथुन कुमार (13), धु्रव कुमार (14), सौरभ कुमार (14 ), मुकेश कुमार (12), मधेपुरा नारायणपुर आलमनगर, कन्हैया कुमार (13), मधेपुरा चिरौली चौसा, मो वरिक आलम (14), सुपौल चुन्नी छातापुर, पवन कुमार (14), मधेपुरा अमनी मोरसंडा, गौरव कुमार (14), मधेपुरा गंगापुर, राधे कुमार (14), मधेपुरा अल्लाहघाट आलमनगर व रिपुन कुमार (13), ओमप्रकाश (13), सहरसा विशनपुर महिषी, राकेश कुमार (14), रविन्द्र कुमार (14), धुरगांव मधेपुरा को चाइल्ड लाइन में रखा गया है.
समन्वयक श्री झा ने बताया कि मुक्त कराये गये बच्चों की जानकारी ले ली गयी है. इनके अभिभावकों को सूचना दी जा रही है.इस साल 103 बच्चे हुए मुक्तगरीबी व अशिक्षा के कारण चाइल्ड ट्रैफिकिंग से पूरा कोसी का इलाका त्रस्त रहा है. पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से इसके रोकथाम के प्रयास भी किए गए हैं.
इसी क्रम में इस वर्ष चाइल्ड लाइन द्वारा अब तक 103 बच्चों को काम पर बाहर ले जाये जाने से रोका गया है. आंकड़ों के अनुसार 14 फरवरी को 12, 22 मार्च को 22 , 16 मई को 39, 31 जुलाई को आठ, 31 अगस्त को नौ एवं 22 दिसंबर को 13 बच्चे मुक्त कराये गए हैं. इस छापामारी अभियान में चाइल्ड लाइन के राजेश, दीपक, विनोद, कुमोद कुमार की अहम भागीदारी थी.