गांव के गलियारे व चौक-चौराहे पर हर तरफ परिणाम पर हो रही चर्चा
सत्तरकटैया. बिहार विधानसभा का चुनाव संपन्न होते ही गांव के गलियारे व चौक-चौराहे पर हर तरफ मतगणना के परिणाम पर ही चर्चा हो रही है. कोई महागठबंधन की सरकार तो कोई फिर से एनडीए की वापसी की बात कह रहे हैं. पहले चरण के बाद दूसरे चरण का मतदान समाप्त होते ही विभिन्न मीडिया एजेंसियों का एग्जिट पोल आना शुरू हो गया. कुछ एजेंसी एनडीए को पूर्ण बहुमत से वापसी होते दिखा रही है. वहीं कुछ बिहार में बदलाव का नजारा दिखाते हुए पूर्ण बहूमत से महागठबंधन की सरकार बनते दिखा रहा है. इस स्थिति ने आम लोगों को कन्फ्यूज कर दिया है.महिषी विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर लंबे समय तक राजद का कब्जा रहा. इस क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके राजद प्रत्याशी डॉ अब्दुल गफूर की मृत्यु के बाद वर्ष 2020 में राजद की कमान बीडीओ की नौकरी छोड़कर प्रो गौतम कृष्ण ने संभाली, लेकिन पूर्व विधायक के पुत्र मो रज्जाक ने लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर इस समीकरण को बिगाड़ दिया और जदयू की वापसी हो गयी. वर्ष 2020 के चुनाव में प्रो गौतम कृष्ण को पराजित कर गूंजेश्वर साह विधायक बन गये. इस चुनाव में दूसरी बार एनडीए की तरफ से निवर्तमान विधायक गूंजेश्वर साह व महागठबंधन प्रत्याशी प्रो गौतम कृष्ण चुनाव मैदान में है, लेकिन पूर्व विधायक अब्दुल गफूर के पुत्र मो रज्जाक चुनाव मैदान में नहीं है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महिषी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख 87 हजार 272 है, जिसमें एक लाख 95 हजार 779 मतदाताओं ने मतदान किया है. किसी भी गठबंधन के प्रत्याशी को जीत दर्ज करने के लिए 80 से हजार से अधिक मत लाना होगा. जीत की रेस में मैदान में दो प्रत्याशी है. दोनों एक लाख के आसपास मत लाने का दावा कर रहे हैं, जिससे प्रतीत होता है कि दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है.
इधर मतदाताओं के प्राप्त रुझानों की बात करें तो यादव व मुस्लिम के वोट में कोई सेंधमारी नहीं हुई है. दोनों जाति के मतदाताओं ने महागठबंधन को वोट किया है. वहीं सवर्ण, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ी व अत्यंत पिछड़ी जाति के वोटर ने अधिकांश एनडीए के पक्ष में मतदान किया है. इस चुनाव में महिलाओं ने पुरुष की अपेक्षा अधिक मतदान किया है. अधिकांश महिलाएं जीविका से जुड़ी हुई है, जिसे 10 हजार की प्रोत्साहन राशि मिली है. एनडीए सरकार का द्वारा चुनाव से पहले दी गयी यह प्रोत्साहन राशि, पेंशन राशि में बढ़ोतरी तथा शराबबंदी व महिलाओं को दिये गये आरक्षण से महिलाओं का झुकाव एनडीए की तरफ अधिक देखा जा रहा है, जिसके कारण चुनावी मुकाबला काफी रोचक बन गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

