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सदर अस्पताल में मरीजों को दिया जायेगा टोकन, होगी उद्घोषणा

सहरसा : सदर अस्पताल का नजारा कुछ दिनों में बदलने वाला है. भोजन से लेकर मरीजों को चिकित्सक से दिखाने की व्यवस्था में परिवर्तन होने वाला है. बड़े अस्पतालों की तरह चिकित्सक से दिखाने के लिए मरीजों को एक यूनिक कोड का टोकन दिया जायेगा. जिस विभाग के चिकित्सक से मरीज को दिखाना होगा, उसके […]

सहरसा : सदर अस्पताल का नजारा कुछ दिनों में बदलने वाला है. भोजन से लेकर मरीजों को चिकित्सक से दिखाने की व्यवस्था में परिवर्तन होने वाला है. बड़े अस्पतालों की तरह चिकित्सक से दिखाने के लिए मरीजों को एक यूनिक कोड का टोकन दिया जायेगा. जिस विभाग के चिकित्सक से मरीज को दिखाना होगा, उसके गेट पर डिसप्ले बोर्ड पर मरीजों को दी जाने वाली यूनिक कोड नजर आयेगा. जिस मरीज का यूनिक कोड डिसप्ले होगा. वह कक्ष में जाकर चिकित्सक से सलाह लेंगे. वही पूरे अस्पताल में माइकिंग सिस्टम लगेगा.

जिसके लिए एक कंट्रोल कक्ष तैयार किया जायेगा. किसी तरह की परेशानी होने पर कंट्रोल रूम में कार्यरत कर्मी कर्मी व चिकित्सक को सूचित करेंगे. वही वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों को समय-समय पर आवश्यकता पड़ने पर बुलाया जायेगा. जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रबंधन ने इसे धरातल पर उतारने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. पूरी रूपरेखा तय होने के बाद सदर अस्पताल में यह बदलाव नजर आने लगेगा.
मील का पत्थर साबित होगा बदलाव : ओपीडी में वर्तमान में मरीज को काउंटर पर पूर्जा कटाने के बाद चिकित्सक से दिखाने के लिए कई घंटों तक कतारबद्ध रहना पड़ता है. जो काफी कष्टदायक होता है. कतार में आगे-पीछे नंबर के लिए कई बार मरीज आपस में कहासुनी भी कर लेते है.
लेकिन सभी मरीज को यूनिक कोड का टोकन मिलने से मरीज व उसके परिजनों को पंक्तिबद्ध भी नहीं रहना पड़ेगा और उनका नंबर आने पर डिसप्ले बोर्ड पर वह आ जायेगा और माइक से उनकी नाम व नंबर की भी उद्घोषणा की जायेगी. जो सदर अस्पताल में मील का पत्थर साबित होगा.
जीविका के जिम्मे होगी भोजन : सदर अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली भोजन की जिम्मेदारी भी जल्द ही जीविका के जिम्मे होगी. जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच वार्ता का दौर जारी है.
अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप बने पुलिस कैंप में जीविका के द्वारा कैंटीन का भी संचालन किया जायेगा. जिसमें मरीज के परिजन चाय, नाश्ता व भोजन कर सकेंगे. मालूम हो कि वर्तमान में निजी संस्था के द्वारा टेंडर पर मरीजों को भोजन उपलब्ध करा रही है. भोजन की गुणवत्ता को लेकर कई बार प्रश्नचिह्न भी खड़े हुए है.
कहते हैं अधिकारी
जीविका को भोजन की जिम्मेदारी देने पर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा. जगह चिह्नित नहीं हुआ है. पुलिस कैंप या वर्तमान में संचालित मेस ही उन्हें आवंटित किया जायेगा. अंतिम निर्णय में ही सबकुछ स्पष्ट हो पायेगा.
राहुल किशोर, डीपीएम
टोकन व माइकिंग सिस्टम को लेकर विचार किया जा रहा है. रूपरेखा तय होने के बाद इसे लगा दिया जायेगा.
विनय रंजन, अस्पताल प्रबंधक

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