* नवपदास्थापित डीएम पहुंचे नवहट्टा, ली बाढ़ से संबंधित जानकारी, दिये कई निर्देश
नवहट्टा : जिलाधिकारी शशि भूषण कुमार ने रविवार को प्रखंड कार्यालय का औचक निरीक्षण कर बाढ़ पूर्व तैयारी का जायजा लिया.
पिछले वर्ष कोसी नदी के कटनिया पीड़ित परिवार को शेष बचे अनुदान की राशि वितरण करने को कहा. डीएम शशि भूषण ने प्रखंड के भौगोलिक स्थिति व बाढ़ से प्रभावित पंचायतों की जानकारी अंचलाधिकारी हेमंत कुमार झा से मांगी. सीओ श्री झा ने जिलाधिकारी को बताया कि प्रखंड के सात पंचायत केदली, हाटी, बकुनिया, डरहार, नौला व सत्ताैर पंचायत तटबंध के भीतर है.
जहां प्रत्येक वर्ष बाढ़ जैसी स्थिति रहती है. सबसे अधिक बाढ़ से पूर्ण प्रभावित पंचायत केदली व हाटी है जो बाढ़ सहित कटाव से प्रभावित रहती है. पिछले वर्ष कोसी नदी के कटाव से 550 परिवार विस्थापित हुए. वही सिर्फ केदली पंचायत में तीन सौ परिवार विस्थापित हुए. पिछले वर्ष के एक सौ कटनिया पीड़ित परिवार का भुगतान राशि के अभाव में लंबित है.
सीओ श्री झा ने बताया कि कटाव पीड़ितों को 42 सौ रुपया वस्त्र, वर्तन व अन्य खर्च के लिए दिये जाते है. लेकिन राशि के अभाव में इन कटनिया पीड़ित परिवार को अन्य खर्च के लिए आवंटित 15 सौ रुपया का भुगतान लंबित है. बाढ़ से पूर्व नाव को लेकर तैयारी के बारे में डीएम द्वारा पूछे जाने पर सीओ ने बताया कि कुल दो सरकारी नाव है. पिछले वर्ष बाढ़ के समय तीस निजी नाव का परिचालन किया गया.
इन परिचालन के लिए नाव के नाविकों को साठ प्रतिशत राशि उपलब्ध करा दी गई है. लॉग बुक के आते ही इनकी शेष राशि का भुगतान कर दिया जायेगा. सीओ श्री झा ने डीएम को बाढ़ व प्रखंड के भौगोलिक स्थिति के बारे में बताया कि प्रखंड के कुल चौदह पंचायत में पचपन राजस्व ग्राम है. यहां की मुख्य समस्या नदी के कटाव व जल जमाव की है.
डीएम शशि भूषण ने नाविक, कटाव पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द राशि की भुगतान करने का निर्देश दिया व आने वाले बाढ़ की कलैंडर तिथि 15 जून से पूर्व बाढ़ पर संभावित खर्च का प्रस्ताव भेजने को कहा. ताकि बाढ़ के समय कटाव पीड़ित व बाढ़ की समस्या से ससमय निपटा जा सके. इस मौके पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी शंभु नाथ झा, एडीएम छठी लाल प्रसाद, बीडीओ रामदेव ठाकुर सहित अन्य मौजूद थे.
* आते ही तटबंध पर पहुंचे डीएम, किया 10 किमी का निरीक्षण
नवहट्टा : जिलाधिकारी शशि भूषण कुमार ने जिले का कार्यभार संभालते ही सबसे पहले रविवार को पूर्वी कोसी तटबंध के 74 किलोमीटर से 84 किलोमीटर का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में तटबंध पर कार्यरत अभियंता अनुपस्थित थे. जिलाधिकारी शशि भूषण ने पूर्वी कोसी तटबंध के 80.05, 81.75, 82.80, 83.20 सहित अन्य नाजुक बिंदुओं का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में तटबंध के किसी भी बिंदु पर अभियंता नजर नहीं आये.
जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों से अभियंता के बारे में पूछताछ की. पूर्वी कोसी तटबंध के 81.75 व 82 वें किलोमीटर के बीच लगाये गये परको पाइन में कम मात्र में आंठी लगाये जाने की बात स्थानीय लोगों ने बतायी.
सदर अनुमंडल पदाधिकारी शंभु नाथ झा ने डीएम को बताया कि पूर्वी कोसी तटबंध के 82वें किलोमीटर पर जहां नदी से तटबंध की दूरी मात्र 13 मीटर शेष रही गयी है. वहां तीन धारा का कटाव इन 82 वें किलोमीटर से होकर गुजरती है. यहां बाढ़ पूर्व एंटीरोजन कार्य करने की जरूरत बतायी गयी है. डीएम द्वारा 82.80 व 83.20 किलोमीटर के बीच हो रहे मिट्टी करण का जायजा लिया.
एसडीओ ने डीएम को बताया कि मेरे निरीक्षण के क्रम में अभियंता ने बताया कि मेरे द्वारा इन बिंदुओं पर परकोपाइन नहीं लगाया जा सकता. तटबंध के किन बिंदु पर कहां काम करना होता है. इसका निर्देश हाई लेवल कमेटी के द्वारा दिया जाता है. डीएम ने तटबंध व नदी की दूरी देख कर कहा कि सरकार को इस संबंध में लिखा जायेगा. इस मौके पर एडीएम छठी लाल प्रसाद, बीडीओ रामदेव ठाकुर, सीओ हेमंत कुमार झा, अवर निरीक्षक राजेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
* वास्तुशास्त्र का तो नहीं था फेर
डीएम के आते ही तटबंध का निरीक्षण किये जाने को लेकर जहां आमजनों की अपेक्षा बढ़ गयी है, वहीं कई लोग एवं पंडित इसे ग्रह नक्षत्र के साथ जोड़ कर देख रहे हैं.
मालूम हो कि नवहट्टा प्रखंड सहरसा जिला मुख्यालय के उत्तर पश्चिम कोने में स्थित है, जिसे वास्तुशास्त्र के हिसाब से भंडार कोना माना जाता है और कोई भी काम यहां से शुरू करना शुभ माना जाता है. आगमन के साथ नवहट्टा प्रखंड का दौरा करने को इससे जोड़ कर भी देखा जा रहा है.