सोन नद में छोड़ा जा रहा 22285 क्यूसेक पानी
बराज पर उपलब्ध है 35435 क्यूसेक पानी
डेहरी कार्यालय : भगवान की कृपा से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. धान की रोपनी का काम अंतिम दौर में है. बहुत जगह धान की रोपनी काम समाप्त हो चुका है. यह सारा कार्य समय पर पूरा होने के पीछे नहरों में समुचित मात्रा में पानी उपलब्ध होने से हुआ है़
इधर, संबंधित अधिकारियों का मानना है कि सोन नद के कैचप एरिया में मॉनसून के सक्रिय होने से बराज पर भरपूर मात्रा में पानी की उपलब्धता से नहर पर आधारित खेती वाले इलाकों में कहीं भी पानी की समस्या नहीं आयी. बराज पर अभी भी आवश्यकता से अधिक पानी की आवक लगातार जारी है.
बराज पर पानी की स्थिति: इंद्रपुरी बराज पर बुधवार को 35435 क्यूसेक पानी उपलब्ध था़ बराज से सोन नद में 22285 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. आरा मुख्य नहर में 4015 क्यूसेक पश्चिमी संयोजक नहर में 8500 क्यूसेक, सोन उच्चस्तरीय नहर में 1003 क्यूसेक, चौसा शाखा नहर में 1158 क्यूसेक, बक्सर शाखा नहर में 1555 क्यूसेक, गारा चौबे में 1235 क्यूसेक डूमरांव शाखा नहर में 1150 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.
बराज से पूर्वी मुख्य नहर जो औरंगाबाद जिले से निकल कर पटना तक जाती है, में 4650 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.
उक्त जानकारी मॉनीटरिंग के कार्यपालक अभियंता ने देते हुए बताया कि कहीं से पानी का कोई एक्स्ट्रा डिमांड नहीं आया है. उन्होंने कहा कि सोन के जलग्रहण वाले क्षेत्र में मॉनसून के सक्रिय रहने से पानी पहुंच रहा है. उसे आवश्यकतानुसार विभिन्न नहरों के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस खेती के मौसम में अगर मॉनसून ऐसे ही सक्रिय रहा तो पानी की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होगी.
बोले किसान
करगहर के किसान तेजनारायण पांडेय कहते हैं कि इस वर्ष नहरों में समुचित मात्रा में पानी उपलब्ध होने के कारण हम किसानों को समय पर खेती का कार्य पूरा करने में काफी मदद मिला है़ मोकर के किसान नाटा तिवारी ने कहा कि किसानों पर इस बार मॉनसून की विशेष कृपा रही.
नहरों में भरपूर मात्रा में अधिकारियों द्वारा पानी भी छोड़ा गया. इस से समय पर कृषि कार्य पूरा हो गया. किसान जंगबहादुर सिंह कहते हैं कि धान की रोपनी का कार्य पूरा हो चुका है. कहीं कहीं बिचड़ा वाले खेत में धान की रोपनी बाकी है. किसान नरेंद्र राय कहते हैं कि समय से थोड़ा विलंब से मॉनसून सक्रिय हुआ, लेकिन सक्रिय होने के बाद लगातार किसानों का साथ दिया. यहीं कारण है कि इस वर्ष नहरेां में अबतक पानी की कमी नहीं हुई.