सासाराम नगर : प्रीति के हत्यारों को 22 माह बाद न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा मिली है. प्रीति के मामले में न्यायालय से निर्णय आने के बाद चंदन के परिजनों को भी इंसाफ की उम्मीद जग गयी है. क्योंकि, दोनों को प्यार के दुश्मनों ने मार डाला था. पहले चंदन की हत्या हुई थी, इसके 49 दिन बाद प्रीति को भी ठिकाने लगा दिया गया था. चंदन के शव को ढूंढ़ने में पुलिस को कई दिन लगे थे, लेकिन प्रीति की उसके ही घर में परिजनों द्वारा मारे जाने से उसकी हत्या का राज सामने आ गया.
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प्रीति को मिला न्याय, पर चंदन के परिजनों को अब भी है इंसाफ का इंतजार
सासाराम नगर : प्रीति के हत्यारों को 22 माह बाद न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा मिली है. प्रीति के मामले में न्यायालय से निर्णय आने के बाद चंदन के परिजनों को भी इंसाफ की उम्मीद जग गयी है. क्योंकि, दोनों को प्यार के दुश्मनों ने मार डाला था. पहले चंदन की हत्या हुई थी, […]
प्रीति के हत्यारे उसके दादा, दादी और मां-बाप ही निकले, जिन्हें सोमवार को न्यायालय ने आजीवन कैद की सजा सुनायी है. लेकिन, चंदन के हत्यारों का क्या होगा? उन्हें सजा कब मिलेगी? सीआईडी की जांच कब पूरी होगी? आदि-आदि प्रश्न मोहद्दीगंज गांव सहित पूरे जिले के लोगों के जेहन में कौंध रहा है. इस संबंध में चंदन के पिता उदय नारायण कहते हैं कि देर सबेर हमें भी न्याय मिलेगा. कोर्ट में देर है, पर अंधेर नहीं. हत्या छिपता नहीं. प्रीति को न्याय मिल गया, तो चंदन को भी न्याय जरूर मिलेगा.
अपहरण के 54 दिन बाद मिला था चंदन का कंकाल : पेशे से शिक्षक उदय नारायण का बेटा चंदन (20 वर्ष) का अपने ही गांव के रवींद्र सिंह उर्फ गया सिंह की बेटी प्रीति से प्रेम प्रसंग चल रहा था.
प्रीति के पिता ने चंदन के तीन दोस्तों को पैसे का लोभ देकर उसकी हत्या की सुपारी दी थी. दोस्तों ने चंदन को 17 सितंबर 2017 को घर से धोखे से बुला ताराचंडी धाम ले गये और इसके बाद उसी स्कॉर्पियों में बैठा कर मांझर कुंड के समीप झाड़ियों में ले जा उसकी हत्या कर दी थी.
इसका खुलासा दो दोस्तों की गिरफ्तारी के बाद हुआ था. दो दिन बाद चंदन के पिता ने थाने में बेटे की गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया. 15 दिनों तक पुलिस चंदन के पिता को उसको खोजने की बात कह टालती रही. मामला जब एसपी, डीआईजी व डीजीपी तक पहुंचा, तो पुलिस हरकत में आयी.
दोस्तों की निशानदेही पर मिला था चंदन का कंकाल : पुलिस ने जब चंदन के दोनों दोस्तों पर सख्ती की तो दोनों टूट गये और पूरे मामले का खुलासा कर दिया. 12 नवंबर 2017 की देर शाम दोनों की निशानदेही पर मांझर कुंड की झाड़ी से चंदन का सड़ा-गला कंकाल बरामद हुआ था. कंकाल की पहचान चंदन के पिता ने उसके कपड़े से की थी. इस हत्या में प्रीति का मंगेतर शिवसागर थाना क्षेत्र के तोरना गांव निवासी अजय सिंह, स्कॉर्पियो चालक सहित महद्दीगंज गांव के तीन युवक शामिल थे.
पुलिस इतना साक्ष्य मिलने के बाद भी अभी तक फरार उन तीनों आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. काफी मशक्कत के बाद कंकाल को डीएनए जांच के लिए भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट से तस्दीक हुई कि कंकाल चंदन का है. साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि चंदन को बेरहमी से मारा गया था. उसके शरीर की तीन हड्डियां टूटी थी और उसके सिर में गोली लगी थी.
प्रीति से 49 दिन पहले हुई थी चंदन की हत्या, मांझर कुंड से मिला था शव
डीएनए से साबित हो चुका है कि पहाड़ी से मिला शव चंदन का था, मामले की सीआईडी कर रही जांच
छह नवंबर 2017 को पुलिस ने प्रीति से की थी पूछताछ
डीजीपी से मिली फटकार के बाद हरकत में आयी मुफस्सिल थाने की पुलिस चंदन की प्रेमिका प्रीति को छह नवंबर 2017 को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की थी. तब प्रीति ने पुलिस को कई अहम जानकारी दी थी. प्रीति से पूछताछ के बाद उसके परिजन घबरा गये और पूरे परिवार ने बेटी की हत्या की योजना बना डाली. सात नवंबर की रात पिता गया सिंह ने प्रीति की गला घोंट हत्या कर दी. उसी रात उसके शव को जलाने की कोशिश की.
लेकिन, शव पूरी तरह जल नहीं सका. सुबह आठ नवंबर को पुलिस ने प्रीति के घर पर दस्तक दी और शव को कब्जे में कर लिया. पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि उसकी हत्या गला दबा कर की गयी है. शव को जलाने का प्रयास किया गया है. उसी दिन पुलिस ने प्रीति के पिता रवींद्र सिंह उर्फ गया सिंह को गिरफ्तार कर ली. इसके बाद पुलिस चंदन के दो दोस्तों मिश्रीपुर गांव निवासी दीपक कुमार व नंदन पासवान को उठा कर थाने ले आयी.
पिता के आग्रह पर डीजीपी ने सीआईडी को सौंपा था केस
चंदन के पिता उदय नारायण के आग्रह पर तत्कालीन डीजीपी पीके ठाकुर ने कांड की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंप दी थी. चंदन के पिता ने बताया कि सीआईडी की जांच कहां तक पहुंची इसकी जानकारी मुझे नहीं है. उन्होंने ने बेटे को याद करते हुए कहा कि प्रीति की हत्या से 49 दिन पहले मेरे बेटे की हत्या इन लोगों ने की थी.
मेरे बेटे की हत्या में शामिल तीन आरोपित अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं. वे गांव में खुलेआम घूम कर मुझे व मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी देते हैं. शिकायत के बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है. प्रीति हत्याकांड में हत्यारों को आज न्यायालय ने सजा दे दी. अब उम्मीद है कि मेरे बेटे के हत्यारे भी नहीं बचेंगे. देर सबेर उन्हें भी न्यायालय से सजा मिलेगी, तब मेरे कलेजे को ठंडक पहुंचेगा. मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है.
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