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सीएम के संज्ञान पर भी पुलिस महकमा सुस्त

तीन साल में दो सूचनाओं का वन विभाग नहीं दिया है जवाब तीन साल से सड़क किनारे खड़े वाहनों को हटाने के लिए संघर्ष कर रहे अधिवक्ता रवि सासाराम कार्यालय : करीब दस वर्षों से शहर के मुख्य पथ पुराने जीटी रोड के किनारे खड़े जब्त वाहन लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हैं. […]

तीन साल में दो सूचनाओं का वन विभाग नहीं दिया है जवाब
तीन साल से सड़क किनारे खड़े वाहनों को हटाने के लिए संघर्ष कर रहे अधिवक्ता रवि
सासाराम कार्यालय : करीब दस वर्षों से शहर के मुख्य पथ पुराने जीटी रोड के किनारे खड़े जब्त वाहन लोगों के लिए परेशानी का कारण बने हैं. सड़क के किनारे फुटपाथ पर वाहनों के रखने से लोगों को हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है. इसी समस्या को लेकर शहर के युवा अधिवक्ता रवि कुमार सिंह ने प्रशासन के इस कृत्य के विरुद्ध संघर्ष छेड़ दिया. उनका संघर्ष सड़क पर नहीं, वरन कागजी रहा. जो हाल के दिनों में थोड़ा ही सही पर रंग लाने लगा है.
प्रशासन ने फजलगंज स्थित पुराने जीटी रोड के किनारे खड़े वाहनों को हटना शुरू किया है. लेकिन, आज भी कई जगहों पर वाहनों के हटाने की कार्रवाई दिखायी नहीं पड़ रही है. इस संबंध में अधिवक्ता ने बताया कि मैंने वर्ष 2015 में सूचना के अधिकार (आरटीआइ) का इस्तेमाल किया था. मैंने वन विभाग से जब्त वाहनों के सड़क किनारे खड़ा करने के औचित्य पर जवाब मांगा. कई माह बीतने पर रिमाइंडर दिया. लेकिन, क्या मजाल की वन विभाग जवाब दे.
दूसरी बार भी आरटीआइ डाली, उसका भी हस्र वही हुआ. इसके बाद मैं मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को 4 अप्रैल 2016 को इमेल किया. मुख्यमंत्री कार्यालय में सुगबुगाहट हुई, लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय शांत रहा. मुख्यमंत्री कार्यालय ने परिवहन विभाग के सचिव को 20 जून 2017 को इस मामले पर संज्ञान लेने को कहा. कार्रवाई होते नहीं देख मैंने डीजीपी कार्यालय को 28 जून 2017 को इमेल किया. डीजीपी कार्यालय ने एसपी रोहतास को पत्र भेजा.
9 सितंबर 2017 को एसपी कार्यालय ने एक बार फिर मामले की जानकारी मांगी. मैंने बताया. इसके बाद सिर्फ इतना पता चला कि जब्त वाहनों को सड़क से हटा कर किसी अन्य जगह रखने के लिए व्यवस्था की जा रही है. 20 सितंबर 2017 को मैंने सीएम को इमेल दिया और सीएम कार्यालय ने डीजीपी को इस मामले फिर से संज्ञान लेने को कहा है.
इसकी सूचना मुझे दी गयी. इधर दो माह हो गये और आज भी शहर की स्थिति ज्यों कि त्यों है. जर्जर वाहन पुराने जीटी रोड के किनारे बड़ी संख्या में खड़े हैं. और लोग आज भी डरे सहमे सड़क पर चल रहे हैं. प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई जल्द नहीं करता है, तो हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जायेगी.

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