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कभी जीवनदायी, अब हुआ बेकार
अब नाली के पानी को सोखने का बन गया बड़ा स्त्रोत जनसंख्या, मकानों का दबाव व प्रशासनिक उपेक्षा के कारण बरबाद हो रहा तालाब सासाराम नगर : शहर के तकिया मुहल्ला स्थित सलीम साह सूरी मकबरा का तालाब कभी लोगों के लिए जीवनदायी था. इस वृहद तालाब के सहारे शहर के उत्तर-पश्चिम स्थित गांव व […]
अब नाली के पानी को सोखने का बन गया बड़ा स्त्रोत
जनसंख्या, मकानों का दबाव व प्रशासनिक उपेक्षा के कारण बरबाद हो रहा तालाब
सासाराम नगर : शहर के तकिया मुहल्ला स्थित सलीम साह सूरी मकबरा का तालाब कभी लोगों के लिए जीवनदायी था. इस वृहद तालाब के सहारे शहर के उत्तर-पश्चिम स्थित गांव व मुहल्लों के लोग पानी के लिए निर्भर थे. शहर बढ़ता गया और तालाब पर दबाव बढ़ता गया. कल तक शहर के लोगों को पीने का पानी देने वाला तालाब, आज नाली के पानी सोखने का मुख्य स्त्रोत बन गया है. मुहल्ले की नालियों का गंदा पानी तालाब में जाने से इसका पानी अब किसी काम के लायक नहीं रहा.
वहीं, तालाब के किनारों के भरने और उसके जमीन के अतिक्रमण से तालाब के वजूद पर खतरा मंडराने लगा है. लोग बाग व सामाजिक कार्यकर्ता समय-समय पर तालाब के जीर्णोद्धार व सफाई के लिए प्रशासन से गुहार लगाते रहे है. लेकिन, इस तालाब के लिए अब तक कोई कार्रवाई प्रशासन की ओर से होते दिखायी नहीं पड़ रही है. हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं.
15वीं शताब्दी में हुआ था तालाब का निर्माण
इतिहासकार डाॅ श्यामसुंदर तिवारी के अनुसार शेरशाह की मौत के बाद 1545 में उनका बेटा सलीम शाह सूरी पिता द्वारा बनवाये गये मकबरा व तालाब से प्रभावित हो अपना भी मकबरा बनवाना शुरू किया. शेरशाह मकबरा तालाब कि लंबाई 1120 फुट व चौड़ाई 814 फुट है. जबकि, सलीम शाह सूरी मकबरा तालाब की लंबाई 1250 फुट व चौड़ाई 1250 है. सन 1552 में सलीम शाह सूरी की मृत्यु के बाद मकबरा का निर्माण बंद हो गया. इसके कारण मकबरा अधूरा रह गया. वर्ष 1970 तक मकबरा के तालाब स्थिति बहुत हद तक ठीक था.
इसके बाद इस तालाब में नालियों का पानी व कचरा फेंकने का जो सिलसिला चला, वह आज भी जारी है. परिणाम तालाब का क्षेत्रफल घटता जा रहा है. तालाब का पानी अब पीने लायक नहीं रहा. उन्होंने कहा कि तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए कई बार सरकार को पत्र लिखा गया, लेकिन इसके विकास पर कोई कार्रवाई अबतक नहीं हुई.
तालाब के विकास की योजना पर होगा काम
अभी शेरशाह मकबरा तालाब व इससे जुड़े इनलेट व आउटलेट नहर का सौंदर्यीकरण पर काम चल रहा है. इसके बाद सलीम शाह सूरी मकबरा तालाब के विकास की योजना पर काम होगा. किसी भी एेतिहासिक धरोहर को मिटने नहीं दिया जायेगा.
हाशिम खां, उप विकास आयुक्त, रोहतास
सासाराम लोकसभा क्षेत्र के सांसद छेदी पासवान का निवास तालाब से करीब दो सौ मीटर की दूरी स्थित है. छेदी पासवान सासाराम संसदीय क्षेत्र का तीसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके बावजूद तालाब की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. तालाब का पूर्वी-दक्षिणी किनारा करीब दो सौ फुट तक भर चुका है. अगर प्रशासनिक स्तर पर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो तालाब का अस्तित्व समाप्त हो सकता है.
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