बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
सासाराम शहर : शहर में मच्छरों से निजात पाने के लिए अगर आप विभागीय पहल की उम्मीद पाले हैं, तो भूल जाइए. मलेरिया, कालाजार व डेंगू जैसी बीमारियों पर नियंत्रण के नाम पर ही सही, मच्छर और मक्खियों को मारने का विभागीय प्रयास छिड़काव कर्मियों के प्रशिक्षण तक ही सिमट कर रह गया है. बरसात के मौसम में डेंगू के फैलने की आशंका को देखते हुए जिला मलेरिया विभाग छिड़काव की व्यवस्था करने के बजाय प्रचार प्रसार कर मच्छरों से बचाव के उपाय करने पर बल दे रहा है. विभाग की मानें तो मच्छरों से बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपाय है. चिकित्सक इस बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास के इलाकों में जल जमाव वाले क्षेत्र में जमे पानी में मिट्टी का तेल डालने के साथ ही सोते समय मच्छरदानी जरूर लगाने की सलाह देते हैं.
शहर में मलेरिया, कालाजार व डेंगू से रोकथाम के लिए विभागीय स्तर पर प्रत्येक साल फरवरी और मार्च, मई व जून माह में डीडीटी का छिड़काव कराया जाता था. लेकिन इस साल डीडीटी का छिड़काव कई इलाकों में हुआ ही नहीं. ऐसा तब है, जब स्वास्थ्य विभाग छिड़काव कर्मियों को डीडीटी छिड़काव के लिए प्रशिक्षित करने का अभियान भी चला चुका है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इस बार डीडीटी का छिड़काव कुछ इलाकों में किया गया है.
बरसात में रहता है डेंगू का खतरा: चिकित्सकों की मानें तो बरसात के मौसम में कालाजार व मलेरिया के साथ ही डेंगू का खतरा बढ़ जाता है. चिकित्सक इस बात को स्वीकार करते हैं कि डेंगू की बीमारी संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से फैलता है. डॉक्टर बताते हैं कि ये मच्छर दिन में काटते हैं तथा गंदे पानी में पनपते है.