पूर्णिया. जिले में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को और अधिक व्यापक एवं प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग निजी चिकित्सकों की भागीदारी भी सुनिश्चित कर रहा है. इसी कड़ी में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत निजी चिकित्सकों के लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के आरटीपीसी केंद्र में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शहर के नामी गिरामी चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. इस दरम्यान उपस्थित निजी क्षेत्र के चिकित्सकों को एचआईवी संक्रमित मरीजों के इलाज, उनके साथ व्यवहार एवं संक्रमित मरीजों के विभिन्न मामलों और अवस्थाओं में क्या और किस तरह के उपचार करने की जरुरत है इस बारे में विस्तार से चर्चा की गयी. जीएमसीएच स्थित एआरटी केंद्र के एमओ डॉ. सौरभ कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी जानकारियाँ पीपीटी के माध्यम से समझाते हुए एआरभी के विषय में विस्तार से बताया. मौके पर मौजूद सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया ने सभी से अपील करते हुए कहा कि एचआईवी संक्रमित मरीज हमारे ही समाज के लोग हैं इनकी देखभाल भी उसी प्रकार करते रहने की जरुरत है जैसे अन्य मरीजों की. इनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव मानवता के प्रति अपराध है. उन्होंने इस दिशा में सभी चिकित्सकों को मिलकर काम करने को कहा. उक्त कार्यशाला में मुख्य रूप से आईएमए अध्यक्ष डॉ. सुधांशु कुमार, पूर्व अध्यक्ष डॉ. मुकेश, डॉ. चन्द्र प्रताप, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. भास्कर प्रसाद, डॉ. कुंदन कुमार, डॉ. स्वीटी, डॉ. हरकिरण, डॉ. प्रिया सहित एआरटी कार्यालय कर्मी एवं हेल्थ प्रमोटर मुकुल चौधरी आदि उपस्थित थे.
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