Purnia Airport: पूर्णिया, जिसे “गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट” कहा जाता है, 15 सितंबर को एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. बिहार को पटना, गया और दरभंगा के बाद चौथा हवाई अड्डा मिलने जा रहा है. यह उद्घाटन न सिर्फ कोसी-सीमांचल इलाके की कनेक्टिविटी को नई दिशा देगा, बल्कि बिहार में विकास की रफ्तार को भी गति प्रदान करेगा.
सर्वधर्म समभाव का संदेश
पूर्णिया एयरपोर्ट का स्वरूप इस समय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अनूठा संगम पेश कर रहा है. एयरपोर्ट परिसर में मां पूरणदेवी मंदिर, सिटी काली मंदिर, नरसिंह स्थल, सदियों पुराना गिरिजा घर और जलालगढ़ किला की तस्वीरें इस इलाके की ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत को बयां करती हैं. इसके साथ ही शहीदों की कुर्बानी की दास्तां कहता वार मेमोरियल और महापर्व छठ की अलौकिक छटा यह संदेश देती है कि पूर्णिया सिर्फ एक ऐतिहासिक जिला नहीं, बल्कि धार्मिक सह-अस्तित्व और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक भी है.
विकास की नई राह
पूर्णिया एयरपोर्ट के उद्घाटन से सीमांचल और नॉर्थ-ईस्ट के बीच सीधी कनेक्टिविटी का रास्ता खुलेगा. इसे लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार में इंडस्ट्री लगाने की दिशा में भी कदम बढ़ रहे हैं. एयरपोर्ट से लोगों को न सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि निवेश और पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी डबल इंजन की सरकार के रूप में बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है.
सफाई अभियान और व्यापक तैयारी
प्रधानमंत्री के आगमन को ऐतिहासिक बनाने के लिए जिला प्रशासन और कार्यकर्ता दोनों जुट गए हैं. 14 सितंबर को नगर निगम क्षेत्र में विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा. एयरपोर्ट उद्घाटन को लेकर सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों का जायजा खुद मंत्री लेशी सिंह, बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, डीजीपी विनय कुमार, डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल, डीएम अंशुल कुमार और एसपी स्वीटी सेहरावत ने लिया.
राजनीतिक हलचल और कार्यकर्ताओं की सक्रियता
पूर्णिया विधानसभा अंतर्गत नगर पूरब, नगर पश्चिम और नगर मध्य मंडलों में बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं की बैठक की गई है. स्थानीय विधायक विजय खेमका, विधायक कृष्ण कुमार ऋषि, पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा और अन्य नेताओं ने आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
ऐतिहासिक क्षण की दहलीज पर पूर्णिया
ढाई सौ साल पुराने जिले पूर्णिया के लिए यह दिन ऐतिहासिक है. धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत से सजे एयरपोर्ट परिसर से यह संदेश साफ है कि सीमांचल अब विकास की नई इबारत लिखने को तैयार है. पूर्णिया एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही न सिर्फ हवाई जहाज बल्कि पूरे इलाके की उम्मीदें और आकांक्षाएं भी उड़ान भरेंगी.

