पूर्णिया पूर्व. पूर्णिया पूर्व प्रखंड की रजीगंज पंचायत स्थित रजीगंज गांव में नौ दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन कथावाचिका पूज्य रश्मि मिश्रा जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि मनुष्य को अपने जीवन का सदुपयोग करना चाहिए और राम नाम का जप करते हुए अपने लोक व परलोक को सुधारना चाहिए. कलियुग में मनुष्य का सबसे बड़ा सहारा राम नाम ही है. कहा कि हमें अपने दाम्पत्य जीवन में गंभीर होना चाहिए. पति-पत्नी, भाई- बहन, भाई-भाई का प्रेम, पिता-पुत्र, सास-बहू सभी को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए. रामायण हमें मर्यादा सिखाती है. रामायण को प्रतिदिन श्रवण करने से मानसिक संतुलन ठीक रहता है. दुराचारी रावण की नकारात्मक सोच ने उसके पूरे कुल का विनाश कर दिया. जो मनुष्य तुलसीदल की शरण में आएगा, वह हर प्रकार के दल-दल से बच जायेगा. तुलसी की माला भगवान की पहचान है. हमें गले में तुलसी की माला पहननी चाहिए. गले में तुलसी की माला और मुख में राम यही हमारा सकारात्मक भाव होना चाहिए. उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि गुलाब का फूल दिखने में सुंदर है पर चखने में मीठा नहीं होता. गन्ना दिखने में सुंदर नहीं पर चखने में मीठा होता है किंतु हमें अपना स्वभाव सुंदर और मीठा बनाना है तो भगवान राम की कथा कहना व सुनना चाहिए. इससे हमारा स्वभाव मधुर, मनोहर और मंगलकारी हो जायेगा. कथा सुनने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. पूजा कमेटी के अध्यक्ष राहुल, मोनू व सचिव कुमार सानू गोलू ने कहा कि 28 मई से 7 जून तक आयोजित होने वाले मां दुर्गा देवी प्राण प्रतिष्ठा व श्री राम कथा का आयोजन दुर्गा मंदिर रजीगंज में आयोजित की जा रही है. मूर्ति का नगर भ्रमण 4 जून को तथा प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को होगा.
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