परीक्षाफल के प्रकाशन के बाद पीजी वन की पुन: आंतरिक परीक्षा कराने का मामला
पूर्णिया. परीक्षाफल के प्रकाशन के बाद फेल छात्रों के लिए पीजी सेमेस्टर वन की आंतरिक परीक्षा दोबारा कराने के निर्णय के बाद पूर्णिया विवि के समक्ष कई चुनौती खड़ी हो गयी है. अपने इस निर्णय को पूर्णिया विवि को परीक्षा बोर्ड, सिंडिकेट और सीनेट से अनुमोदित कराना होगा. इस चुनौती के दौरान संबंधित विभागाध्यक्ष का बचाव करने में परीक्षा नियंत्रक पर भी आंच आ सकती है. इतना करने के बाद भी मुख्य परीक्षा और परीक्षाफल प्रकाशन के बाद पुन: आंतरिक परीक्षा कराने को न्यायसंगत सिद्ध करने की भी आवश्यकता होगी. गौरतलब है कि पीजी की आंतरिक परीक्षा 30 अंक की होती है. इसमें 15 अंक थ्योरी, 5 अंक उपस्थिति, 5 अंक सेमिनार व असाइनमेंट और 5 अंक कंडक्ट के लिए दिया जाता है. इसमें पास करने के लिए न्यूनतम 14 अंक लाना अनिवार्य है. इसका मतलब है कि जो छात्र आंतरिक परीक्षा में फेल हुए हैं वे 30 फीसदी अंक भी हासिल नहीं कर पाये हैं. इसके बाद भी विभागाध्यक्ष की अनुशंसा पर फेल छात्र-छात्राओं को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गयी. विभागाध्यक्ष से सत्यापित छात्रों को ही परीक्षा में प्रवेश देने की गाइडलाइन पर केंद्राधीक्षक भी मौन रह गये.21-22 अप्रैल को होगी फेल छात्रों की आंतरिक परीक्षा
कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह के निर्देश पर स्नातकोत्तर सेमेस्टर वन दिसंबर 2024 सत्र 2024-26 की सीआइए परीक्षा में फेल हुए छात्र-छात्राओं के लिए 21-22 अप्रैल को पुन: परीक्षा ली जायेगी. पीजी सेमेस्टर वन के सीआइए की पुन: परीक्षा के अंक पत्रक 24 अप्रैल तक उपलब्ध कराने के लिए विभागाध्यक्षों को कहा गया है.यह है मामला
विवि अधिनियम के अनुसार, पीजी की आंतरिक परीक्षा में फेल रहने पर परीक्षा प्रपत्र भरने पर रोक रहती है. इसके बाद भी सत्र 2024-26 के फेल छात्र-छात्राओं ने ना सिर्फ परीक्षा फॉर्म भरा बल्कि परीक्षा में शामिल भी हो गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है