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होली पर हुड़दंग की इजाजत नहीं, पकड़े गये तो जायेंगे हाजत

पकड़े गये तो जायेंगे हाजत

पूर्णिया. होली में रंग में भंग करने वालों पर पुलिस की चौकस नजर रहेगी. नशे में हंगामा करने वालों को सबक सिखाने के लिए पुलिस ने पहले से ही रणनीति तैयार कर ली है. इसके मद्देनजर जिले में पूरा पुलिस महकमा होली के दौरान सजग और चौकस रहेगा ताकि हुड़दंगियों पर पैनी नजर रखी जा सके. इसके लिए जिले के तमाम थानेदारों को पहले ही अपने क्षेत्र में अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. चेहरे पर रंग लगाकर तेज रफ्तार से बाइक चलाने वाले बाइकर्स को काबू में रखने के लिए थानों को मुस्तैद रहने को कहा गया है. अश्लील गाने बजाकर तेज रफ्तार से दो पहिया व चार पहिया वाहन चलाना महंगा पड़ सकता है. शहर के संवेदनशील इलाकों पर खुद पुलिस के आलाधिकारी नजर रखेंगे. होली के एक दिन पहले से ही पुलिस सक्रिय हो गई है. हंगामा करने वालों को तुरंत हाजत का रुख देखना पड़ सकता है. होली के पहले से ही थानों को गश्ती व्यवस्था को चुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस की नजर कई वैसे फरार अपराधियों पर भी रहेगी जो पर्व के अवसर पर अपने घर आ सकते हैं. —————————–

होली के रंग में डूबा बाजार, रंग-पिचकारी की दुकानों पर बढ़ी भीड़

पूर्णिया. होली को लेकर गुरुवार को भी बाजार में खरीदारों की अच्छी भीड़ रही. त्योहार का असली रंग तो बाजार में देखने को मिल रहा है. शहर के भट्ठा बाजार, विकास बाजार, बहुमंजिला बाजार, मधुबनी बाजार, खुश्कीबाग और गुलाबबाग के बाजारों में शहरी के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या में आए लोगों ने त्योहार के लिए जरूरी चीजों की खरीदारी की. रेडीमेड कपड़े के अलावा कुर्ता-पायजामा, साड़ी व किराना सामान की दुकानों में सुबह से देर रात तक चहल-पहल रही. सबसे ज्यादा भीड़ रंग और पिचकारी की दुकानों पर रही. मुहल्लों की छोटी-छोटी मौसमी दुकानों पर बड़ों के साथ बच्चों की संख्या अच्छी रही. भट्ठा बाजार स्थित मंगलम दुकान के प्रोपराइटर सुरेन्द्र जैन ने कहा कि होली की ब्रिकी इस साल अपेक्षाकृत बेहतर है.

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रंगों से खेलना ही है तो स्कीन फ्रेंडली रंगों से खेलें होली

पूर्णिया. यदि होली के मूड में आ गए और रंगों से होली खेलना ही है तो स्कीन फ्रेंडली रंगों से होली खेलें. फूल-पतियों से बने प्राकृतिक रंगों को स्कीन फ्रेंडली कलर का दर्जा मिला हुआ है. ये रंग या गुलाल त्वचा या फिर शरीर के किसी अंग को नुकसान नहीं पहुंचाते. इसलिए कोशिश होनी चाहिए की फूल-पत्तियों से बने रंग से खोली खेली जाय. गहरे रंग मुख्य रूप से हरा और काला रंग आपके होली को बदरंग कर सकते हैं. आंखों में रंग जाने से मेकेनिकल और केमिकल इंज्यूरी हो सकती है. बच्चों के चेहरे पर हरा या काला रंग नहीं लगाएं.

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बरतें सावधानी

रंग खेलने के पहले शरीर में सरसो या नारियल तेल का लेप कर लें. इसके बाद बेसन और दही मिलाकर पूरे शरीर में लगाकर सुखा दें. इसके बाद रंग खेलेंगे तो शरीर में नहीं पकड़ेगा और रंग छुड़ाने में भी सहूलियत होगी. हरसंभव प्राकृतिक रंग का इस्तेमाल करें. बच्चे अभिभावक के देखरेख में रंग खेलें. नुकीले पिचकारी से बचें. किसी को रगड़कर रंग या गुलाल नहीं लगाएं. कोई भी वैसा रंग सुरक्षित नहीं है जिसमें केमिकल मिला हुआ है. लाल और पीला रंग तोढ़ा कम टॉक्सिक होता जबकि हरा और काला काफी खतरनाक साबित होता है. आंख में चला जाय तो आंख की रोशनी चली जा सकती है. जिस रंग में मर्करी और जिंक की मात्रा होती है वह ज्यादा खतरनाक होता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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