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मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से महिलाओं का बढ़ा आत्मबल

आज जिले की 60 हजार महिलाओं के खाते में भेजी जायेगी राशि

आज जिले की 60 हजार महिलाओं के खाते में भेजी जायेगी राशि अबतक पूर्णिया में 3 लाख से ज्यादा महिलाएं हो चुकी हैं लाभान्वित लगभग 40 हजार स्वयं सहायता समूहों का किया जा चुका है गठन पूर्णिया. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा शुरू की गयी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की ओर महिलाओं का झुकाव काफी तेजी से बढ़ा है. इसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए दी जानेवाली सहायता राशि को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ रही हैं. वहीं इसके लिए शुरुआत में 10 हजार रुपये की सहायता मिलने से उनका उत्साह चरम पर है. पूर्णिया जिले में इस योजना के तहत अबतक लगभग 3.2 लाख महिलाओं के खाते में डीबीटी के माध्यम से 10-10 हजार रुपये की राशि भेजी जा चुकी है. जबकि आज लगभग 60 हजार महिलाओं के खाते में यह राशि भेजी जायेगी. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत यह तय किया गया है कि एक पात्र परिवार की एक महिला को सहायता दी जायेगी. शुरुआत में इस योजना से जुड़ने वाली महिलाओं को 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं जबकि आगे चलकर 2 लाख रुपये तक की सहायता भी उन्हें मिल सकेंगी. इस मदद से महिलाएं कृषि, पशुपालन, सिलाई, बुनाई, हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग जैसे क्षेत्रों को आगे बढाने में अपना योगदान देंगी जिससे उनके स्वयं के लिए भी रोजगार का साधन उपलब्ध होगा. इस योजना का मकसद स्वरोजगार और छोटे व्यापार को प्रोत्साहन देना है. इस योजना का लाभ राज्य की ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को मिलेगा. योजना का लाभ लेने के लिए समूह से जुड़ना जरूरी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के लाभुकों के लिए जीविका अथवा किसी स्वयं सहायता समूह से जुड़ना जरुरी है. इसमें शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर या तो पूर्व से ही महिलायें जीविका से जुड़ी हों अथवा वैसी महिलायें जो अबतक किसी भी समूह से जुड़ी नहीं हैं दोनों के लिए अवसर प्रदान किये गये हैं. पहले से ग्रुप से जुडी महिलाओं के लिए सीधे तौर पर अपने समूह के माध्यम से एनेक्सर एक फॉर्म के साथ अपना आधार कार्ड और बैंक खाते की फोटो कॉपी जमा करनी होगी जबकि जो महिलाएं संगठन से नहीं जुड़ी हैं उन्हें एनेक्सर दो फॉर्म भरना होगा इसके बाद उन्हें स्वयं सहायता समूह के माध्यम से एनेक्सर एक फॉर्म के माध्यम से इस योजना से जोड़ा जाएगा. इस कार्य के लिए ग्राम संगठन तथा शहरी निकायों में कार्यरत एएलओ एवं सीआरपी कार्यकर्ता उनकी मदद करेंगे. जीविका कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अबतक गठित स्वयं सहायता समूहों की संख्या 39 हजार 675 है. बोले अधिकारी इस योजना में वैसी महिलाओं को लाभ दिए जाने की बात कही गयी है जिनके पति अथवा वे स्वयं आयकरदाता नहीं हों और न ही सरकारी अथवा संविदाकर्मी हों एवं उनकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 60 वर्ष के अंदर की हो. प्रति परिवार वैसी एक महिला स्वरोजगार के लिए जीविका समूह से जुड़कर इस योजना का लाभ ले सकती हैं. आवेदन की प्रक्रिया ऑन लाइन और ऑफ़ लाइन दोनों हैं. अबतक जिले के शहरी क्षेत्र में 1,135 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 38 हजार 540 समूहों का गठन किया जा चुका है और गठन की प्रक्रिया अभी जारी है. ओम प्रकाश मंडल, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका

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