पूर्णिया : जब याकूब मेमन को फांसी दी गयी थी तब ओवैसी ने उसके समर्थन में सार्वजनिक रूप से कठोर बयान दिया था. तब ओवैसी का बयान राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में नहीं आया था. पीडीपी ने अफजल गुरु को शहीद का दर्जा दिया था, लेकिन उसके साथ सरकार बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई. जय ललिता ने राजीव गांधी के हत्यारों को अपना समर्थन दिया.
अकाली दल ने बेअंत सिंह का समर्थन किया. ऐसे ही लोगों के साथ भाजपा आज खड़ी है. जबकि राष्ट्रभक्त कन्हैया को देशद्रोही करार दिया जा रहा है. देश में राष्ट्रभक्ति की नयी परिभाषा गढी जा रही है. जबकि सच तो यह है कि देशद्रोही कन्हैया नहीं देश के अधिकांश राजनेता हैं. उक्त बातें जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सह मधेपुरा सांसद पप्पू यादव ने गुरुवार को पूर्णिया में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही.
श्री यादव ने कहा कि आइवी की रिपोर्ट में कन्हैया के भाषण में देशद्रोह वाली बात उजागर नहीं हुई है. दिल्ली के पुलिस आयुक्त भी कहते हैं कि वे कन्हैया के जमानत का विरोध नहीं करेंगे. सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार देश के खिलाफ बोलना या बात रखना राष्ट्रद्रोह नहीं है. ऐसे में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को कन्हैया प्रकरण को लेकर माफी मांगनी चाहिए. कहा कि कन्हैया के खिलाफ मुकदमा वापस लिया जाना चाहिए.