पूर्णिया : श्रावक समाज नशा मुक्त बने, सद्भावना और नैतिकता जीवन में लाने का संकल्प लेकर सद्भावना व नैतिकता पूर्ण जीवन जीने का संकल्प लें तो जीवन सार्थक है. उक्त बातें साध्वी श्री आरोग्य श्रीजी ने स्वागत समारोह के दौरान मंगलवार को कही. उन्होंने कहा कि पूर्णिया की धरती पर पूज्य गुरुदेव आचार्य महाश्रमण पधार रहे हैं. गुरुदेव के साथ मुझे भी यहां आने का मौका मिला है. यह मेरी कर्मभूमि है. अहिंसा ने मुझे संस्कार दिये हैं.
श्रावक समाज सार्थक रह कर गुरुदेव का सानिध्य प्राप्त करें, नशा मुक्त बनें और सद्भावना नैतिकता जीवन में लाने का संकल्प लें, यही संकल्प जीवन की असली पूंजी है. साध्वी ने कहा कि श्रावक समाज का सौहार्द संगठन से सेवा-साधना, अध्यात्म की चेतना से प्लावित होकर पुष्ट बनता रहे, यही हमारी कामना है.
मौका था आचार्य महाश्रमण जी के विदुषी शिष्या साध्वी श्री यशोमती जी के साथ साध्वी वृंद किरण माली जी, चित्रलेखा जी, विभा श्रीजी, रचना जी एवं जयंतयशा जी का स्वागत शुभारंभ महिला मंडल के बहनों ने मंगलाचरण से किया. तदुपरांत श्वेतांबरी सभा के पूर्व अध्यक्ष नैरतन मल जी, सेठिया, महिला मंडल की मंत्री नीलू डागा, निर्मल जी वैध, तेयुप मंत्री चैतन्य नाहर, दिलीप कुमार दुग्गड़, युगराज बोधरा, ललित जी नाहर, विजय सिंह नाहर, शारदा देवी, कोचर आदि ने हर्ष व्यक्त िकया.