पूर्णिया : शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली सौरा नदी पर एक नया संकट आ गया है. नदी में जगह-जगह जमा हुए सिल्ट और गाद सौरा नदी के बहाव में बाधक बने हुए हैं. इतना ही नहीं नदी का बहाव नदी के पश्चिम की ओर बने रिंग बांध की ओर हो गया है जिससे इस पर भी खतरा मंडरा रहा है. इस समस्या के त्वरित निष्पादन की मांग जिला प्रशासन से की गई है और इस समस्या के स्थायी समाधान का आग्रह भी किया गया है.
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सौरा नदी के बहाव में बाधक बने हैं सिल्ट और गाद
पूर्णिया : शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली सौरा नदी पर एक नया संकट आ गया है. नदी में जगह-जगह जमा हुए सिल्ट और गाद सौरा नदी के बहाव में बाधक बने हुए हैं. इतना ही नहीं नदी का बहाव नदी के पश्चिम की ओर बने रिंग बांध की ओर हो गया है जिससे […]
गौरतलब है कि करीब दस माह पूर्व अगस्त माह में सौरा में सैलाब आया था जिससे इसके तटबंध में भी रिसाव आया था. जानकारों का कहना है कि यह सैलाब अपने साथ सिल्ट और गाद भी लेता आया जो नदी में जगह-जगह टीला का स्वरूप लेकर पानी के बहाव को कहीं रोक रहा है तो कहीं दिशा बदल रहा है.
नतीजतन बहाव का केंद्र बिंदु कप्तान पुल बन गया है जहां नदी का पानी पुल की खंभों और तटबंध के हिस्से से बार-बार टकरा रहा है. जानकारों का कहना है कि इसका असर तटबंध के साथ पुल के खंभों पर भी हो सकता है और यही वजह है कि नदी में सिल्ट की ढेर को शीघ्र हटाया जाना लाजिमी माना जा रहा है.
दरअसल, सैलाब का असर खत्म होने और पानी घट जाने के बाद अब सौरा नदी के अंदर का हिस्सा नजर आ रहा है. पूर्णिया सिटी से कप्तान पुल और यहां से बायपास में बेलौरी तक कई स्थानों पर सिल्ट का टीला नजर आ रहा है. बेलौरी के कई किसानों ने बताया कि अगर नदी के बीच में जमा सिल्ट को नहीं हटाया गया तो नदी की धाराएं उनके खेत की ओर मुड़ सकती हैं जिससे उनकी खेती खत्म हो जायेगी.
हालांकि मिल्की के किशन टोला और शेरशाहवादी टोला के समीप से गुजरी सौरा में अभी भी पानी है जिससे सिल्ट नजर नहीं आता पर स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में हर साल इस तरह की परेशानी होती है जिससे उनके खेत नदी के दायरे में आ जाते हैं.
निजी स्तर से हटाने के लिए मिले प्रशासनिक स्वीकृति
सिल्ट और गाद के इस संकट की ओर फिलहाल सरोकार सिविल सोसाइटी ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ठ किया है.
सरोकार के अध्यक्ष एस एम झा ने प्रशासन को सौरा नदी में कप्तान पुल के समीप जमा हुए सिल्ट से संभावित खतरे के प्रति अगाह करते हुए कहा है कि सिल्ट ने नदी के बहाव को पश्चिम के तरफ धकेल दिया है जिसके तेज प्रवाह से तटबंध की सुरक्षा पर संकट है. श्री झा ने कहा कि धारा के बहाव के कारण मुक्तिधाम की सीढ़ियों पर भी खतरा है.
बरसात से पहले यदि इस सिल्ट को निकालकर नदी के प्रवाह को पूर्ववत नहीं किया गया तो नदी के संकरे प्रवाह के कारण नुकसान हो सकता है. उन्होंने सौरा के पूर्वी तट पर जमा किए गये कचरे और उसमें लगी आग से निकलने वाले धुएं की ओर भी प्रशासन का ध्यान दिलाया है और कहा है कि यदि प्रशासनिक स्वीकृति मिल जाये तो ‘सरोकार’ के स्तर पर इस सिल्ट को उठवाकर वही पास में जलाए जा रहे कचरे पर डाला जा सकता है. सिल्ट निष्पादन से सौरा को प्रवाह मिल जायेगी.
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