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पटना के अपार्टमेंट में शराब बरामद करने के लिए पुलिस की छापेमारी, मिल गई नकली नोट छापने वाली मशीन, दो गिरफ्तार

पुलिस ने शराब कारोबार का पता चलने के बाद ग्राहक बन शराब की बोतल खरीदी. फिर पुलिस टीम ने छापेमारी की और मौके पर मौजूद आरोपियों को पकड़ लिया. आरोपियों ने पुलिस को जानकारी दी कि वे बच्चों के खेलने वाले नोट बनाते हैं. लेकिन पुलिस उनकी बातों में नहीं आयी, क्योंकि बरामद नोट देखने में असली लग रहे थे.

पटना के श्रीकृष्णापुरी थाने के उत्तरी आनंदपुरी स्थित राजाराम अपार्टमेंट के ब्लॉक बी में एक नंबर फ्लैट में जाली नोटों की छपाई के साथ ही शराब का धंधा हो रहा था. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने गुप्त सूचना पर सोमवार को छापेमारी की. फ्लैट से पुलिस ने कटिहार निवासी अयूब खान व नवादा निवासी रतन यादव को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, तीन अन्य सीतामढ़ी का सचिन, कटिहार का मो शमीम, एक युवती व एक अन्य फरार हो गये. वहीं भागने के चक्कर में अपार्टमेंट के फ्लैट से खिड़की से नीचे कूदने पर अयूब का पैर टूट गया. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

जाली नोट बरामद 

पुलिस ने एक लाख 77 हजार रुपये के 500 के जाली नोट व 200 के 13 जाली नोटों को बरामद किया है. साथ ही जाली नोट छपाई करने की मशीन,छपाई में उपयोग किया जाने वाले रंग व अन्य सामान भी भी जब्त किये गये हैं. बरामद 145 नोट अर्धनिर्मित थे, जिसमें एक तरफ ही छपाई थी, जबकि दूसरी तरफ का सादा था. इसके अलावा फ्लैट से ब्रांडेड कंपनियों की 26 लीटर शराब की बोतलें और मोबाइल फोन भी बरामद की गयी है. श्रीकृष्णापुरी थाना पुलिस ने गिरफ्तारी की पुष्टि की.

बच्चों को खेलने के लिए बनाया गया नोट बता कर पुलिस को भरमाने की कोशिश की

पुलिस को सूचना मिली कि आनंदपुरी इलाके में एक शख्स शराब का कारोबार करता है. इसके बाद पुलिस ने धंधेबाज के फ्लैट का पता लगा लिया और ग्राहक बन कर शराब की एक बोतल खरीदी. फिर पुलिस टीम ने सोमवार के अहले सुबह दल-बल के साथ छापेमारी की और मौके पर मौजूद अयूब खान व रतन यादव को पकड़ लिया. अयूब व रतन ने पुलिस को यह जानकारी दी कि वे लोग बच्चों के खेलने वाले नोट बनाते हैं. लेकिन पुलिस उनकी बातों में नहीं आयी, क्योंकि बरामद नोट देखने में हूबहू असली नोट की तरह लगते थे. केवल उसके पेज की क्वालिटी सही नोटों की तरह नहीं थी और नंबर भी एक ही थे.

छात्र बन कर किराये पर लिया था फ्लैट

फ्लैट मालिक व्यवसायी हैं और उनका पटना में एक उत्सव हॉल भी है. अयूब, सचिन आदि ने छात्र बन कर फ्लैट को किराये पर लिया था. लेकिन, पढ़ाई की आड़ में शराब बेचने का धंधा करने लगे और फिर जाली नोट भी छाप कर बाजार में चलाना शुरू कर दिया था. ये लोग उस फ्लैट में करीब डेढ़ साल से थे.

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कोलकाता व बांग्लादेश से संपर्क होने की आशंका

सूत्रों के अनुसार, पटना पुलिस को धंधेबाजों के पास से बरामद मोबाइल फोन की जांच में कई संदिग्ध नंबर मिले हैं. ये नंबर कोलकाता के हैं, जिसके कारण यह आशंका जतायी जा रही है कि जाली नोटों के तार बांग्लादेश से भी जुड़े हो सकते हैं. हालांकि, पुलिस की जांच जारी है और पकड़े गये दोनों को पुलिस रिमांड पर भी ले सकती है, क्योंकि इस जाली नोटों के धंधेबाजों के नेटवर्क बड़े स्तर पर हो सकते हैं. इस मामले की जानकारी इओयू को भी दे दी गयी है.

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