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Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में क्यों लगती है बिहार के इस मंदिर में इतनी भीड़, जानें यहां से जुड़ी रोचक बातें

Pitru Paksha 2025 बिहार के गया जी में स्थित विष्णुपद मंदिर पितृपक्ष के समय श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहता है. लोग अपने पितरों की मुक्ति के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं. लेकिन क्यों? आइए जानते हैं विष्णुपद मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें.

Pitru Paksha 2025 गयाजी का विष्णुपद मंदिर बिहार के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है. यह मंदिर खासकर पितृपक्ष के दौरान श्रद्धालुओं से भरा रहता है, जब लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए यहां आते हैं. मंदिर की बनावट और इतिहास इसे विशेष बनाते हैं, और देश-विदेश के पर्यटक भी इसकी भव्यता और आध्यात्मिक माहौल का अनुभव करने यहां आते हैं. विष्णुपद मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का भी अहम हिस्सा है.

इसलिए लगती है इतनी भीड़

पितृपक्ष के दौरान श्रद्धालु विष्णुपद मंदिर आते हैं ताकि वे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना कर सकें. मान्यता है कि यहां किए जाने वाले पिंडदान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान पितरों के लिए पुण्य और मुक्ति का साधन बनते हैं. लोग यहां न सिर्फ पिंडदान करने आते हैं, बल्कि मंदिर के शांत माहौल और धार्मिक महत्व को अनुभव करने भी जाते हैं.

आज भी है भगवान विष्णु के पैरों के निशान

बिहार का गयाजी जिला धार्मिक दृष्टी से बहुत खास माना जाता है. माना जाता है कि इसका नाम राक्षस गयासुर के नाम पर पड़ा. गयासुर ने वरदान पाया था कि उसे देखने वाला हर व्यक्ति मोक्ष पाएगा. इससे गलत लोग भी मोक्ष पाने लगे, तो मानवता की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने गयासुर के माथे पे अपना दाहिना पैर रख कर पाताल भेज दिया और आज भी विष्णुपद मंदिर में उनके सिर पर भगवान विष्णु के पैर का निशान देखने को मिलता है.

देश विदेश से आते हैं लोग

पितृपक्ष के दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु अपने पितरों का तर्पण करने के लिए यहां आते हैं. माना जाता है कि यहां तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है और व्यक्ति के दुखों का नाश होता है. यही कारण है कि विष्णुपद मंदिर हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक केंद्रों में गिना जाता है.

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JayshreeAnand
JayshreeAnand
कहानियों को पढ़ने और लिखने की रुचि ने मुझे पत्रकारिता की ओर प्रेरित किया. सीखने और समझने की इस यात्रा में मैं लगातार नए अनुभवों को अपनाते हुए खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं. वर्तमान मे मैं धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को नजदीक से समझने और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं.

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