संवाददाता,पटना राज्य सरकार के साथ जुड़कर सेवाएं देनेवाली विभिन्न समूह की महिला प्रतिनिधिओं ने कांग्रेस महासचिव व सांसद प्रियंका गांधी के समक्ष समस्याओं का पिटारा खोल दिया. उन सबकी मांग थी कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर इन समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाये. इसको लेकर प्रियंका गांधी ने महिला प्रतिनिधियों को अश्वासन भी दिया कि बिहार में सरकार बनने के बाद महिला सम्मान और मानदेय पर गंभीरता से काम किया जायेगा. जीविका समूह में काम करनेवाली गया की मंजूषा कुमार ने बताया कि वह समूह के साथ जुड़कर फूल टाइम काम करती हैं, जबकि उनको अधिकारियों द्वारा हाफ टाइम काम बताया जाता है. अगर वह काम के समय और अपनी मांग रखती हैं तो उनको समूह से बाहर कर दिया जाता है. इसी प्रकार कमला नेहरू नगर की अर्चना कुमारी ने बताया कि बिहार में रोजगार नहीं होने के कारण पतियों का बिहार से पलायन होता है. घर में अकेली होने के कारण उनको घर और बाहर दोनों का काम संभालना पड़ता है. बिहार में उद्योग लगे तो इस समस्या का समाधान हो सकता है. इसी प्रकार दरभंगा से आनेवाली आशा संघ की सबिता कुमारी ने बताया कि उनसे दिन रात काम लिया जाता है. वह अपने मासूम बच्चों के साथ जब प्रसूता को अस्पताल ले जाती हैं तो उनके साथ भेदभाव किया जाता है. काम का बोझ इतना है कि कभी-कभी उनके दो बच्चों को भूखे स्कूल जाना पड़ता है. इसी प्रकार आंगनबाड़ी सेविका कुमारी रंजना यादव ने बताया कि 50 वर्षों से यह योजना चलायी जा रही है. मोदी जी आंगनबाड़ी सेविका को देखना नहीं चाहते हैं. हक की मांग करने पर उनको सेविका से हटाने की धमकी दी जाती है. पहली बार विधानसभा में वोट करने जा रही जन्नत परवीन ने बताया कि कॉलेज जाने में असुरक्षा महसूस होती है. महिलाएं सुरक्षित नहीं है.
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