संवाददाता,पटना भाकपा–माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि हमें पता है कि चुनाव आयोग अपनी ही पीठ थपथपाने में बड़ा माहिर है, लेकिन वह राजनीतिक दलों के बारे में झूठ क्यों फैला रहा है? उन्होंने सवाल उठाया कि भाकपा माले सहित जिन दलों ने एसआइआर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है और वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें आयोग का धन्यवाद क्यों देना चाहिए? बताया गया कि पटना में राजनीतिक दलों से वार्ता के बाद आयोग ने कहा कि सभी दलों ने एसआइआर के लिए बधाई दी, लेकिन कल हुई बैठक में भी भाकपा (माले) के शिष्टमंडल ने चुनाव आयोग को उसकी लापरवाहियों के लिए जिम्मेदार ठहराया था. चुनाव आयोग इस पर भी झूठ बोल गया है. उन्होंने चुनाव आयोग को भेजी गयी ज्ञापन की प्रति का भी उल्लेख किया. जिसमें आयोग के समक्ष कुछ बातें रखी हैं. कुछ सुझाव भी दिये हैं. इसमें माले ने मांग की है कि मतदाता सूची से न हटाये गये नामों की पूरी सूची कारण सहित स्पष्ट विवरण के साथ बूथ वार उपलब्ध कराई जाए जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के उपरांत 65 लाख मतदाताओं के संबंध में उपलब्ध करायी गयी थी.
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