संवाददाता, पटना
माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा है कि बिहार में संस्थागत भ्रष्टाचार बढ़ने की लगातार शिकायत मिलती रही है. कोई भी काम बिना घूस दिये नहीं होता. हाल ही में सीएजी ने कहा कि बिहार सरकार 70 हजार करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं दे नहीं रही, इन आरोपों पर अब तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. लेकिन अब, प्रशांत किशोर ने सरकार के मंत्रियों और अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाये हैं, लेकिन सरकार, भाजपा या जदयू की तरफ से इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब ऐसे आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद सामने आकर जवाब देते थे, यहां तक कि गठबंधन तक तोड़ लेते थे, लेकिन आज जब सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी जैसे नेताओं पर आरोप लग रहे हैं, तब मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी दोनों चुप हैं. जदयू के कुछ प्रवक्ता जरूर मीडिया में बोल रहे हैं, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मौन है. उन्होंने कहा बिहार की जनता इन गंभीर आरोपों की सच्चाई जानना चाहती है. भाजपा-जदयू को इसका जवाब देना चाहिये.
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