30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

…जब पंडित जसराज का शास्त्रीय गायन सुनने को बांकीपुर जेल की दीवार पर चढ़ गये थे कैदी

रविशंकर उपाध्याय @ पटना : पंडित जसराज जी का पटना से बेहद पुराना नाता था. वे 1960 से 2016 के बीच लगातार पटना आते रहे थे. वे अंतिम बार 2016 में पटना एसके मेमोरियल में आयोजित पंचतत्व कार्यक्रम में आये थे. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था.

रविशंकर उपाध्याय @ पटना : पंडित जसराज जी का पटना से बेहद पुराना नाता था. वे 1960 से 2016 के बीच लगातार पटना आते रहे थे. वे अंतिम बार 2016 में पटना एसके मेमोरियल में आयोजित पंचतत्व कार्यक्रम में आये थे. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था.

श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति, पटना प्रमंडल और पर्यटन विभाग की ओर से 16 अप्रैल 2016 को पंचतत्व इंटरनेशनल कॉन्सर्ट में प्रस्तुति देने के लिए शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित जसराज, मोहन वीणा का अविष्कार करनेवाले पंडित विश्वमोहन भट्ट, हिंदुस्तानी वोकल सिंगर उस्ताद राशिद खान, तौफिक कुरैशी, शुभांकर बनर्जी, दुर्गा जसराज आदि दिग्गज आये थे.

पटना की दुर्गापूजा को याद करते थे पंडित जी

मीडिया से बातचीत साझा करते हुए उन्होंने कहा था कि पटना की दुर्गापूजा उनके जेहन में बसी हुई है, उस वक्त देश के 70 फीसदी कलाकार पटना में रहते थे. अपनी यादों को साझा करते हुए उन्होंने 1962 में प्रसंग सुनाया था कि 1962 में पटना जंक्शन पर मेरा कार्यक्रम था. पंडित किशन महाराज बांकीपुर जेल की तरफ मुंह कर तबला वादन कर रहे थे, अचानक उन्होंने कहा कि जसराज जरा उधर देखो…मैंने देखा तो कैदी जेल की दीवारों पर झुक कर हमलोगों को सुन रहे थे. ऐसे थे पटना के श्रोता.

Undefined
...जब पंडित जसराज का शास्त्रीय गायन सुनने को बांकीपुर जेल की दीवार पर चढ़ गये थे कैदी 2

उन्होंने कहा था कि बिहार में शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा रही है. पंचगछिया जैसे छोटे जगहों पर भी शानदार कार्यक्रम होते थे. पंडित रामचतुर मल्लिक, पंडित सियाराम तिवारी इसी मिट्टी से रहे. पंडित जसराज ने कहा था कि जमाने के साथ बदलाव जरूरी है.

उन्होंने कहा कि अगर शास्त्रीय संगीत में बदलाव हो रहे हैं तो इसे सकारात्मक रूप से लेने की जरूरत है. नयी पीढ़ी बढ़िया कर रही है. राशिद खां, संजीव अभ्यंकर, रत्न मोहन शर्मा, अजय चक्रवर्ती जैसे कलाकार इसे आगे बढ़ा रहे हैं. वे मानते थे कि शास्त्रीय संगीत की लोकप्रियता न कम हुई है न कभी कम होगी. हां, अब कार्यक्रम किसी खास घर में नहीं हो रहे हैं, बल्कि बड़े स्तर पर हो रहे हैं और ज्यादा लोग देखने-सुनने पहुंच रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें