पटना सिटी. भारतीय अंतरदेशिय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से गंगा में जलमार्ग को सशक्त बनाने की योजना के तहत राज्य सरकार और आइडब्लूएआइ के बीच वाटर मेट्रो सेवा को लेकर शहरी जल परिवहन योजना के करार के बाद इसी माह से वाटर मेट्रो की सुविधा मिलेगी. सुविधा मुहैया कराने को लेकर परिचालित होने वाले इलेक्तिट्रक जहाज कोलकाता से शनिवार को गायघाट स्थित जेटी पर पहुंचा. प्राधिकरण के निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि दशहरा से पहले इसका परिचालन होने की उम्मीद है. शहरी जल मेट्रो के विकास को लेकर 20 सितंबर को भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण(आइडब्लूएआइ) और बिहार सरकार के बीच 908 करोड़ रुपए योजना पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे. परियोजना का उद्देश्य आधुनिक टर्मिनल और एकीकृत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का उपयोग करके परिवहन को बढ़ावा देना है.
शहरी जल मेट्रो परियोजना के लिए पटना में चार संभावित मार्ग और दस स्थान की पहचान की गयी है. जिससे शहर की परिवहन व्यवस्था में बदलाव आने प्रदूषण और यात्रा समय में कमी आने की उम्मीद है. निदेशक ने बताया कि नदी तट पर क्रूज पर्यटन और विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ कुशल शहरी जल परिवहन प्रणाली के विकास होगा.दीघा घाट से लेकर कंगन घाट के बीच परिचालन
प्राधिकरण के लोगों की मानें तो प्रथम चरण में प्रथम चरण के वाटर मेट्रो दीघा घाट से लेकर कंगन घाट के बीच लगभग 21 किलो मीटर की दूरी में परिचालन होगा. इस सुविधा में एनआइटी स्थित गांधी घाट, गायघाट और कंगन घाट पर जहाज का ठहराव होगा. गांधी घाट और गायघाट में जेटी है, जबकि कंगन घाट तैरता फ्लोटिंग जेटी बनाया जायेगा. वातानुकूलित इलेक्तिट्रक जहाज में 50 यात्रियों के बैठने और 25 के खड़े होने की क्षमता है. दैनिक यात्रियों के साथ देशी-विदेशी पर्यटक भी गंगा में सफर का आनंद उठा सकेंगे. मेट्रो का परिचालन पर्यटन विकास निगम की ओर से किया जायेगा. इसके लिए कोलकाता से इलेक्ट्रॉनिक जहाज 25 की संख्या में मंगाया जायेगा. इसी क्रम में एक जहाज पहुंचा है.
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