संवाददाता,पटनाचुनाव आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने और मतदान को अधिक सुगम एवं पारदर्शी बनाने के लिए तीन नयी पहल शुरू की है. इन पहलों की घोषणा मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की है. नयी पहल के लागू होने से मृतकों के नाम वोटरलिस्ट से हटाने को लेकर इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था होगी. इससे ईआरओ और बीएलओ को पंजीकृत मौतों की समय पर जानकारी मिल सकेगी और वे बिना औपचारिक अनुरोध की प्रतीक्षा किये, फील्ड सत्यापन कर आवश्यक नाम हटाये जा सकेंगे. इससे मृत मतदाताओं का नाम हटाने के लिए परिजनों को आवेदन देने की आवश्यकता नहीं होगी. आयोग भारत के महापंजीयक से मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्राप्त करेगा. आयोग के पहल से बिहार विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा.
इस साल अब तक 1.29 लाख वोटर लिस्ट से हटाये गये
वर्ष 2024 में राज्य में 4.60 लाख मृत मतदाताओं का नाम सूची से हटाया गया था. इसी तरह से 2025 में अब तक 1.29 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाया गया है. इस नयी पहल से यह प्रक्रिया अब स्वत: और नियमित रूप से संभव हो सकेगी. आयोग ने दूसरी पहल के तहत राज्य के करीब 78 हजार बीएलओ को पहचान पत्र दिया जायेगा.
बीएलओ को मिलेगा आई कार्ड
बीएलओ यानी बूथ लेवल अधिकारियों को अब आयोग की ओर से मानक फोटो पहचान-पत्र प्रदान किया जा रहा है. बिहार में 2025 के केएपी सर्वे में सामने आया कि 99 प्रतिशत मतदाता बीएलओ को चुनावी प्रक्रिया में प्रमुख संपर्क बिंदु मानते हैं. पहचान-पत्र मिलने से इनकी भूमिका और प्रभावशाली और मजबूत होगी. इसके अलावा आयोग ने वोटर स्लिप को अब ज्यादा स्पष्ट और उपयोगी बनाने का निर्देश दिया है.
नये क्लेवर में दिखेगा वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप (वीआइएस)
आयोग ने वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप (वीआइएस) के डिजाइन को नया रूप दिया है. अब इसमें मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या बड़े फांट में प्रमुखता से दिखाई जाएगी, जिससे मतदाताओं को अपने बूथ की जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी. सर्वे के अनुसार 90 प्रतिशत मतदाताओं को वोटर स्लिप प्राप्त होती है, जो मतदान केंद्र और समय की जानकारी देने का प्रमुख माध्यम बन चुकी है.
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