संवाददाता, पटना
बिहार में आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित अंचल अधिकारी प्रिंस राज के खिलाफ चल रही विशेष निगरानी इकाई की जांच के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. जांच में सीओ प्रिंस राज के दो मैट्रिक सर्टिफिकेट मिले हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मामले की जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेज दी है, ताकि प्रशासनिक स्तर पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए सेवा से बर्खास्त किया जा सके.अप्रैल 2025 में दर्ज कांड संख्या 04/2025 के तहत जब विशेष निगरानी इकाई ने प्रिंस राज के मधुबनी, शेखपुरा और हजारीबाग स्थित ठिकानों पर छापेमारी की तो न केवल उनकी अवैध संपत्ति के साक्ष्य मिले, बल्कि उनके शैक्षणिक दस्तावेजों में भी गंभीर अनियमितताएं सामने आयीं. जांच में पाया गया कि प्रिंस राज ने दो अलग-अलग नाम‘धर्मेंद्र कुमार’ और ‘प्रिंस राज’से 2004 और 2006 में मैट्रिक परीक्षा दी थी. खास बात यह रही कि दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग जन्म तिथि दर्ज की गयी थी. यानी एक ही व्यक्ति ने दो बार अलग-अलग पहचान के साथ परीक्षा देकर अलग-अलग प्रमाण पत्र हासिल किए थे. प्रिंस राज वर्तमान में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी ) की 60-62वीं संयुक्त परीक्षा में सफल होकर अंचल अधिकारी पद पर चयनित हैं, लेकिन विशेष निगरानी इकाई की जांच में यह तथ्य सामने आया कि उन्होंने गलत तरीके से नाम और जन्म तिथि बदलकर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी.बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जांच में धर्मेंद्र कुमार और प्रिंस राज को एक ही व्यक्ति पाया है. समिति ने प्रिंस राज के नाम से निर्गत 2006 के मैट्रिक प्रमाण पत्र एवं अंक पत्र को रद्द कर दिया है. इस संबंध में विशेष निगरानी इकाई को भी सूचित किया गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मामले की जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेज दी है, ताकि उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए सेवा से बर्खास्त किया जा सके.
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