पटना. बिहार सरकार ने बिहार औद्योगिक निवेश नीति (बीआइआइपीपी) 2025 का अनावरण किया, जिसे राज्य के औद्योगिक रूपांतरण और दीर्घकालिक आर्थिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. इस मौके पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) बिहार राज्य परिषद ने नीति का स्वागत करते हुए इसे राज्य के ट्रिलियन डॉलर विजन का गेम चेंजर बताया. सीआइआइ बिहार राज्य परिषद के अध्यक्ष गौरव साह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उद्योग मंत्री नितीश मिश्रा के नेतृत्व में यह नीति न केवल बिहार को निवेश का प्रमुख गंतव्य बनाएगी ,बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन और प्रवास को कम करने में भी अहम भूमिका निभाएगी. उन्होंने इसे बिहार को श्रमिक आपूर्ति करने वाले राज्य से एक उद्यम और नवाचार के केंद्र में बदलने की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया.
सीआइआइ के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि यह नीति बिहार को प्रतिस्पर्धी औद्योगिक केंद्र बनाएगी और फिनटेक सिटी जैसी पहलें राज्य को वैश्विक वित्तीय और डिजिटल हब से जोड़ेंगी. उन्होंने कहा कि नयी पॉलिसी से सूबे में बड़े निवेश होगा और बड़े स्तर पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
वहीं, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के सुविधा प्रदाता संजय गोयनका ने कहा कि मृत्यु दावों और संयुक्त घोषणाओं की प्रक्रिया को सरल बनाने जैसे सुधार निवेशकों के लिए भरोसे का माहौल बनाएंगे. नयी पॉलिसी और विजन दस्तावेज मिलकर बिहार को सतत, समावेशी और वैश्विक औद्योगिक शक्ति बनाने की मजबूत नींव रखेंगे. सीआइआइ के वाइस चेयरमैन प्रिंस रंजन और स्टेट हेड नीलाभ केशव ने बताया कि सीआइआइ ने उद्योग विभाग के साथ जारी बिहारः एक यूएसडी 1 ट्रिलियन अवसर विजन दस्तावेज को भी ऐतिहासिक बताया. इसमें 2046-47 तक बिहार को 1.1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की रणनीति दी गई है, जिसमें कृषि, आईटी- आईटीईएस, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और निर्माण क्षेत्रों पर विशेष जोर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

