Tej Pratap Yadav: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेजप्रताप यादव इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं. दरअसल, जिस तरह से सोशल मीडिया पर उन्होंने अपने प्यार का इजहार किया, उसके बाद से तो सियासी गलियारे में हलचल ही पैदा हो गई. हालांकि, तेजप्रताप यादव ने अपनी ओर से सफाई दी और फेसबुक अकाउंट हैक कर पोस्ट वायरल करने की बात कहीं. लेकिन, यह मामला यही पर नहीं थमा. बल्कि विवादों का दौर शुरू हुआ और पिता लालू यादव ने बेटे तेजप्रताप के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लेते हुए पार्टी और परिवार से निकाल दिया. सिर्फ लालू यादव ही नहीं बल्कि तेजप्रताप यादव को लेकर छोटे भाई तेजस्वी यादव और बहन रोहिणी आचार्य ने भी कड़ी टिप्पणी की.

साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, 2025 बिहार के लिए चुनावी साल है. ऐसे वक्त पर पार्टी से जुड़ी कोई बड़ी समस्या उत्पन्न होने की संभावना को लेकर कड़ा एक्शन लिया गया. ऐसे में बता दें कि, यह पहली बार नहीं है, जब तेजप्रताप यादव विवादों में घिरे और पार्टी-परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बल्कि इससे पहले कई बार इस तरह की स्थिती उत्पन्न हुई है. तो वहीं, तेजप्रताप यादव से जुड़े ऐसे 5 किस्से हैं,जिसकी चर्चा आज भी खूब होती है…
आरएसएस के खिलाफ बनाया संगठन
यह साल 2017 की बात है, जब तेजप्रताप यादव ने डीएसएस (धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ) बनाया था. 2022 में उन्होंने इसका पुनर्गठन किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष विमलेश यादव को बनाया. वहीं,जब तेजप्रताप ने इस संगठन को बनाया था तब उन्होंने बनाया था कि, डीएसएस को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जाएगा. डीएसएस, आरएसएस और योगी आदित्यनाथ के संगठन हिन्दू वाहिनी सेना का मुकाबले करने को तैयार है. बता दें कि, आरएसएस को लेकर तेजप्रताप यादव की ओर से कई बार बयान सामने आए.

ऐश्वर्या राय से शादी के बाद विवाद
बता दें कि, तेजप्रताप यादव और ऐश्वर्या राय की शादी से जुड़ा विवाद सबसे बड़ा है. साल 2018 में उनकी शादी हुई थी. लेकिन, कुछ ही महीनों के बाद दोनों के रिश्ते में खटास आ गई. उन्होंने तलाक की अर्जी दाखिल कर दी. फिलहाल, यह मामला कोर्ट में लंबित है. इस बीच जिस तरह से तेजप्रताप का अभी पोस्ट वायरल हुआ है, उसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि, जब तेजप्रताप यादव 12 साल से एक रिश्ते में थे, तो आखिर उन्होंने ऐश्वर्या राय से शादी क्यों की.

जगदानंद सिंह से हुआ था विवाद
राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबीयों में शामिल जगदानंद सिंह से भी विवाद के बाद तेजप्रताप यादव सुर्खियों में आ गए थे. दरअसल, साल 2021 में तेज प्रताप ने सार्वजनिक रूप से राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. हालांकि, इस मामले में लालू यादव को आखिरकार दखल देना ही पड़ा था. इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब जगदानंद सिंह ने तेजप्रताप समर्थक आकाश यादव को छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गगन यादव को यह जिम्मेदारी सौंप दी थी, जिससे तेजप्रताप नाराज हो गए थे.

होली के दिन सिपाही को नाचने के लिए कहा
इसी साल की बात है, जब होली के पर्व पर यह मामला सामने आया था. दरअसल, होली मिलन समारोह के दौरान तेजप्रताप यादव ने मजाकिया लहजे में सिपाही को नाचने के लिए कहा था. तेजप्रताप ने कहा था कि, ‘ओ सिपाही, ठुमका लगाओ नहीं तो सस्पेंड कर दिए जाओगे.’ हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि, ‘बुरा न मानो होली है’. बता दें कि, इससे जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था और तेजप्रताप यादव की खूब आलोचना हुई थी.

विधानसभा में भी दी थी धमकी
विधानसभा में बहस से जुड़ा मामला भी खूब चर्चे में रहा था. दरअसल, एक बार तेजस्वी यादव के साथ किसी मुद्दे पर तीखी बहस हो रही थी, तो तेजप्रताप पूरी तरह गुस्से में लाल-पीले हो गए थे. 2022 में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से दो मिनट अकेले में मिलने की बात कहकर तेजप्रताप ने ‘पर्सनल बात’ का हवाला दिया था, जिस पर भी चर्चा हुई थी.