– सियासी जमीन पर रिश्तों पर परिजन निभा रहे राजनीतिक धर्म फ्लेग—- सियासत का ये भी है अजब रंग —— संवाददाता, पटना जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजद सुप्रीमो के बेटे तेज प्रताप यादव चुनावी जंग अकेले लड़ रहे हैं. खास बात ये है कि अपने परिवारी जनों का उन्हें आशीर्वाद तो मिल रहा है, लेकिन साथ नहीं. फिलहाल सियासी दुनिया में उन्हें सिर्फ महुआ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं पर भरोसा है. इस बीच इसे संयोग ही कहा जायेगा कि एक तरफ तेजस्वी यादव के प्रचार में पूरा लालू प्रसाद परिवार एकजुट चुनाव प्रचार में लगा हुआ है, वहीं तेज प्रताप चुनावी जंग में अकेले संघर्ष कर रहे हैं. विधायक तेज प्रताप यादव की मां पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने उनके बारे में कहा है कि ””””””””वह ठीक हैं. वह भी अपनी जगह सही हैं. उन्हें अपना काम करने दीजिये.”””””””””””””””” सियासी नजरिये से बेहद परिपक्व राबड़ी देवी के इस बयान के बड़े मायने है. उनके मन में अपने बेटे के लिए सॉफ्ट कॉर्नर है. यह बात और है कि सियासत की खुरदरी सतह पर उन्हें अभी अपनी ही बनायी पार्टी के साथ ही खड़ा हो कर अपना ”””””””””””””””” राजनीतिक धर्म ”””””””””””””””” निभाना पड़ रहा है. उनके लिए राजद पारिवारिक विरासत है. वह अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के लिए राघोपुर में उनके लिए जबरदस्त प्रचार कर रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की भांति उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी अपने एक बयान में कहा है कि तेज प्रताप मेरे छोटे भाई हैं. तेज प्रताप को मेरा पूरा आशीर्वाद है. वह खूब तरक्की करें. वह जनता की खूब सेवा करें.. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि तेज प्रताप यादव दूसरी पार्टी के हैं. मैं राजद की हूं. मेरी पार्टी अलग है. मैं अपनी पार्टी के लिए प्रचार करूंगी. जनता की मांग पर मैं राजद के लिए प्रचार करने जाऊंगी. इधर, उन्होंने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही. इसी तरह अन्य परिवारजनों के रवैये भी सामने आये हैं. इससे बात साफ हो जाती है कि मां और बहनों का आशीर्वाद तो तेज प्रताप पर है, लेकिन सियासत की लड़ाई में वह पूरी तरह अकेले हैं.
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