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पुलिस की सख्त चौकसी में लोकतंत्र की जीत, शांतिपूर्ण रहा दूसरा चरण

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार को पूरे राज्य में शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न हुआ.

– 45,388 मतदान केन्द्रों पर कहीं कोई बड़ी घटना नहीं : एडीजी कुंदन कृष्णन – नक्सल प्रभावित इलाकों में 20 साल बाद वोट पड़े दो बना रिकार्ड – छह दिन में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 511 मामले दर्ज किए संवाददाता, पटना बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार को पूरे राज्य में शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न हुआ. पुलिस-प्रशासन की सख्त सुरक्षा और चौकसी में 122 विधानसभा क्षेत्रों के 45,388 मतदान केन्द्रों पर कहीं कोई बड़ी घटना नहीं हुई. मतदान के दौरान 590 लोगों की गिरफ्तारी हुई. 10 वाहन, 4 मोबाइल फोन, 11 हजार 513 लीटर शराब और 1.50 लाख रुपये नकद जब्त किए गए. एडीजी पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने मतदान की समाप्ति के बाद मीडिया को यह जानकारी दी. एडीजी ने कहा, नक्सल बेल्ट से लेकर दियारा तक हर जगह पुलिस की पैनी निगरानी रही. नक्सल प्रभावित बूथों पर बीस साल बाद मतदान होने और वोटिंग का रिकार्ड बनने के उदाहरण देते हुए कहा, बिहार पुलिस ने चुनाव को अपराधमुक्त बनाने के लिए जाल इस कदर फैलाया कि असामाजिक तत्वों की एक भी चाल काम नहीं आई. निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पूरे बिहार में 1650 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की गई थी. 50 कंपनी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस और 42 हजार से अधिक जिला बल के जवान बूथों पर तैनात रहे. मतदाताओं की सुविधा के लिए 22 हजार गृह रक्षक बल, 19,817 प्रशिक्षु सिपाही और 3,671 चौकीदार-दफादार ड्यूटी पर रहे. हर बूथ पर वेबकास्टिंग से निगरानी की गई ताकि किसी भी गड़बड़ी को मौके पर पकड़ा जा सके. मतदान के दौरान भी पुलिस अलर्ट मोड में रही. दिन भर किसी बड़े बवाल की सूचना नहीं मिली. एडीजी ने कहा, नदियों और पहाड़ी इलाकों से लेकर नक्सल प्रभावित गांवों तक पुलिस का एक-एक कदम सख्त निगरानी में था. दियारा क्षेत्रों में बोट पेट्रोलिंग, पहाड़ी इलाकों में घुड़सवार दस्ते, ड्रोन और सैटेलाइट फोन की मदद से हर गतिविधि पर नज़र रखी गई. बम निरोधक दस्ते और श्वान दल भी चौकन्ने रहे. एसडीआरएफ और डायल-112 की टीमें लगातार सक्रिय थीं. अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को मतदान से पहले ही सील कर दिया गया था. झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल सीमा पर 459 चेकपोस्ट बनाए गए थे. मतदान से 48 घंटे पहले राज्य की सीमाएं और नेपाल बॉर्डर 72 घंटे पहले से बंद थी. मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष से पुलिस महानिदेशक खुद पूरे राज्य की स्थिति पर नजर रखे रहे. पुलिस ऑनलाइन भी एक्टिव रही. छह से 11 नवंबर तक 511 मामले दर्ज किये गए. असामाजिक तत्वों पर भारी पड़ी पुलिस की तैयारी एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि राज्य बल और और केंद्रीय बलों की संयुक्त कार्रवाई में 3 लाख 18 हजार 454 लीटर शराब, 20.80 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ, 4.34 करोड़ की बहुमूल्य धातुएं और मतदाताओं को प्रभावित करने वाली 7.84 करोड़ नकद राशि अब तक जब्त की गई. पुलिस ने चुनाव से पहले ही 4 लाख 18 हजार 70 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की. इनमें 64,183 ऐसे लोग हैं जो कमजोर वर्ग के मतदाताओं को धमकाने की कोशिश में थे. 23 कुख्यात अपराधियों को सीसीए के तहत जेल भेजा गया. 1212 अपराधियों को जिला बदर किया गया. अब तक 41,296 गैर-जमानती वारंटों का निष्पादन हो चुका है. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी पुलिस की सख्ती जारी रही. 24 घंटे चलने वाले मॉनिटरिंग सेल ने गलत खबर फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 511 मामले दर्ज किए गए हैं.

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