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जिले में पर्याप्त जगह वाले स्कूलों में तैयार किया जायेगा साइंस पार्क

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को विज्ञान विषय की बेहतर समझ के लिए पाठ्यक्रम के साथ ही विभिन्न उपकरणों और टीचिंग लर्निंग मटेरियल के जरिये पढ़ाया जायेगा.

दो हजार स्क्वायर फीट में बनेगा वाटर प्रूफ साइंस पार्क संवाददाता, पटना सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को विज्ञान विषय की बेहतर समझ के लिए पाठ्यक्रम के साथ ही विभिन्न उपकरणों और टीचिंग लर्निंग मटेरियल के जरिये पढ़ाया जायेगा. इसके लिए स्कूल परिसर में साइंस पार्क तैयार करने को लेकर स्कूलों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जिले के वैसे ही स्कूल में साइंस पार्क तैयार किया जायेगा जहां पर्याप्त जगह होगी. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की पहल पर जिले की पर्याप्त जगह वाले स्कूलों में साइंस पार्क बनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए जिला शिक्षा कार्यालय स्तर पर स्कूलों का चयन किया जा रहा है. साइंस पार्क को इस तरह विकसित किया जायेगा कि विद्यार्थी यहां आकर आसानी से विषय वस्तु को समझ सकें. इस पार्क में विभिन्न विज्ञान के मॉडल भी लगाये जायेंगे जहां शिक्षक बच्चों को ले जाकर प्रायोगिक ढंग से इसकी जानकारी देंगे. शिक्षकों को भी दी जायेगी विशेष ट्रेनिंग साइंस पार्क में बच्चों को प्रयोगिक तरीके से पाठ्यक्रम में दिये गये टॉपिक को समझाने के लिए स्कूली शिक्षकों को भी विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी. साइंस पार्क में भौतिकी व गणित विषय पर विशेष जोर दिया जायेगा. इसमें विद्युत विभव और प्रतिरोध जैसे अवधारणाओं, विद्युत धार के चुंबकीय प्रभाव, धातुओं के गुण आदि टॉपिक को प्रायोगिक तरीके से समझाया जायेगा. शिक्षा विभाग के अधिकारी के अनुसार इसका उद्देश्य विज्ञान विषय को बढ़ावा देना है. इसके साथ ही विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है. क्या होता है साइंस पार्क साइंस पार्क एक ऐसे पार्क को कहा जाता है, जहां विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रकार व प्रदर्शन, मॉडल और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इसमें बच्चों को खेल-खेल में प्रायोगिक ढंग से विज्ञान के सिद्धांतों को सिखाया जाता है. जहां साइंस पार्क विकसित किया जायेगा वहां कम से कम दो हजार स्क्वायर फीट की जगह होनी चाहिए. पार्क की चारों ओर प्लास्टिक पैनल से घेरा बंदी की जाती है. पार्क में ऐसे मॉडल लागये जायेंगे जो पानी या फिर मौसम का असर न होने पाये. साइंस पार्क में लगेंगे यह प्रदर्श टाइम इंडिकेटर ग्लोब मॉडल प्रायोगिक टेबल माडल डीएनए मॉडल पाइथागोरस थ्योरम मॉडल न्यूटंस कलर मॉडल

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