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Friday, March 29, 2024

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Bihar Board Result : ग्रामीण बच्चों ने शहरी स्टूडेंट्स को पछाड़ा, ऑटो मैकेनिक व किसान के बच्चे टॉप थ्री में

बिहार बोर्ड ने मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया. रिजल्ट जारी होते ही बिहार सहित राजधानी पटना के कई स्कूलों में भी खुशी की लहर दौड़ गयी. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी खास बात यह रही कि इसमें सुविधा संपन्न शहरों या बड़े स्कूलों के बजाये छोटे और ग्रामीण स्कूलों के बच्चों ने टॉप लिस्ट में अपनी जगह बनायी

बिहार बोर्ड की ओर से मैट्रिक 2023 की परीक्षा में पटना जिले के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने स्कूल व अभिभावकों का नाम रोशन किया है. जिले के नौ स्कूलों के विद्यार्थियों ने डिस्ट्रिक्ट में एक से तीन रैंक प्राप्त किया है. इनमें ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. टॉप तीन में अपनी जगह बनाने वाले कुल 9 में से पांच विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ाई कर सफलता हासिल की है. इनमें उच्च माध्यमिक विद्यालय, सबिना के नीरज कुमार ने सबसे अधिक 477 अंक प्राप्त करते हुए जिले में पहला रैंक हासिल किया है. वहीं सदिसोपुर के आरएस हाइ स्कूल के नीलेश कुमार वर्मा , नौबतपुर गवर्नमेंट हाइ स्कूल की सोनम कुमारी, पालीगंज हाइ स्कूल के शिव नारायण पंडित व दुलहिन बाजार के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय की फलक जहां ने रैंक 3 प्राप्त कर अपनी अलग मुकाम हासिल किया है. इसके अलावा शहरी के क्षेत्र के चार स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है.

पटना जिले के इन स्कूलों के विद्यार्थियों टॉप 3 में बनायी जगह

  • रैंक : नाम- स्कूल- अंक

  • 1 : नीरज कुमार- उच्च माध्यमिक विद्यालय, सबनिमा- 477

  • 2 : ट्विंकल कुमारी- गवर्नमेंट गर्ल्स हाइ स्कूल, गर्दनीबाग- 475

  • 2 : अलविया फातमा- संत जेवियर्स हाइ स्कूल, पटना- 475

  • 3 : चमन तारा- अयूब ऊर्दू गर्ल्स हाइ स्कूल, पटना- 473

  • 3 : साहिल कुमार मेहता, मारवाडी हाइ स्कूल, पटना सिटी- 473

  • 3 : नीलेश कुमार वर्मा, आरएस हाइ स्कूल, सदिसोपुर- 473

  • 3 : सोनम कुमारी, गवर्नमेंट हाइ स्कूल, नौबतपुर- 473

  • 3 : शिव नारायण पंडित, हाइ स्कूल पालीगंज- 473

  • 3 : फलक जहां, उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, दुलहिन बाजार- 473

जिंदगी की संघर्षों व अभावों के बीच पायी सफलता

जिले के स्कूली के बच्चों ने मैट्रिक परीक्षा 2023 में अपनी मेहनत और लगन के जरिये बेहतर मुकाम हासिल करते हुए स्कूल व अपने अभिभावकों का नाम रोशन किया है. जिंदगी की संघर्षों व अभावों के बीच इन बच्चों ने सफलता का परचम लहराया है. टॉप तीन की सूची में जगह बनाने वाले में ऐसे भी बच्चे हैं जिनके पिता ट्रैक्टर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिशियन, ऑटो ड्राइवर व किसानी कर पढ़ाई का खर्च उठाते हुए अपने बच्चों के सपने पूरे करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इन बच्चों ने भी घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कड़ी मेहनत कर परिवार का सहारा बनने की उम्मीद में आगे भी इसी तरह मेहनत और लग्न से पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की बात कही. जिले में टॉप में 3 की सूची में शामिल होने वाले बच्चों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिभावकों व शिक्षकों देते हुए खुशी का इजहार किया.

टॉपरों ने कहा, कड़ी मेहनत कर परिवार का बढ़ाया मान
मजदूर का बेटा जिले में टॉप, इंजीनियर बनने की है तमन्ना

  • नाम : नीरज कुमार

  • स्कूल : उच्च माध्यमिक विद्यालय, सबनिमा

  • अंक : 477, रैंक : 1

  • पटना जिले के बाढ़ (अथमलगोला प्रखंड) के नीरज कुमार ने जिले में टॉप टेन में अपनी जगह बनायी है. रिजल्ट की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि उसके माता-पिता को बधाई देने के लिए उसके घर पहुंचे. नीरज को मैट्रिक परीक्षा में 477 अंक प्राप्त हुआ है, जोa राज्य की सूची में टॉप टेन में नौवें स्थान पर हैं. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी माधुरी द्विवेदी ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा भी नीरज को सम्मानित किया जायेगा. नीरज बेहद गरीब परिवार से है. उसके पिता सोमर रजक दिल्ली में मजदूरी करते हैं. नीरज की मां सुनीता देवी घरेलू महिला है. नीरज कहते हैं, यदि सरकार ने सहयोग किया, तो मैं इंजीनियर बनने की तमन्ना है.

ऑटो ड्राइवर की बेटी का कमाल, बनेंगी आइएएस ऑफिसर

  • नाम : ट्विंकल कुमारी

  • स्कूल : गवर्नमेंट गर्ल्स हाइ स्कूल, गर्दनीबाग

  • अंक : 475 , रैंक : 2

  • जिले में सेकेंड टॉपर बनने पर मुझसे ज्यादा खुशी मेरे परिवार के सदस्यों को हो रही है. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद मेरे माता-पिता ने पढ़ाई में हमेशा मेरा सपोर्ट किया. मेरे पिता ऑटो ड्राइवर हैं और मां गिृहिणी हैं पर खाली समय में सिलाई का काम करती हैं, ताकि मुझे पढ़ाई में कोई कमी न हो. मैं आगे साइंस स्ट्रीम से इंटर की पढ़ाई करना चाहती हूं. मेरा सपना है कि मैं एक आइएएस ऑफिसर बनूं. इस सफलता का पूरा श्रेय मैं अपने पैरेंट्स को देना चाहूंगी.

रूटीन को फॉलो कर की पढ़ाई, मोबाइल का नहीं किया यूज

  • नाम : अलविया फातमा

  • स्कूल : संत जेवियर्स हाइ स्कूल, पटना

  • अंक : 475, रैंक : 2

  • मैंने शुरुआत से ही परीक्षा की तैयारी के लिए रूटीन तैयार किया था और रूटीन को फॉलो करते हुए प्रतिदिन पांच से छह घंटे सेल्फ स्टडी करती थी. इस दौरान मैं मोबाइल का यूज नहीं करती थी. मैं अब बायोलॉजी लेकर इंटर की पढ़ाई करूंगी. मेरा सपना है कि मैं डॉक्टर बनकर समाज के निचले तबके के लोगों का बेहतर इलाज की सुविधा प्रदान करूं. इस सफलता का पूरा श्रेय मेरी मेहनत और माता-पिता को जाता है जिन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. पढ़ाई में कोई कमी नहीं रहने देते.

पढ़ाई में स्कूल की प्रिंसिपल का पूरा रहा सपोर्ट, बनूंगी डॉक्टर

  • नाम : चमन तारा

  • स्कूल : अयूब उर्दू गर्ल्स हाइ स्कूल, पटना

  • अंक :- 473 , रैंक : 3

  • मेरे पिता जी इलेक्ट्रिशियन हैं घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है. कई बार ऐसा भी हुआ कि स्कूल की फीस देने की में दिक्कत हुई लेकिन स्कूल की प्राचार्या ने मेरी फीस भर दी. जिन लोगों ने भी मुझे सपोर्ट किया है उनके एहसान को हमेशा याद रखूंगी. मेरे परिवार के सदस्यों व शिक्षकों ने मुझे हमेशा मोटिवेट किया है. मेरी ख्वाहिश है कि मैं एक डॉक्टर बनूं और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करूं.

आइआइटी से इंजीनियरिंग करने का है सपना

  • नाम : साहिल कुमार मेहता

  • स्कूल : मारवाड़ी हाइ स्कूल, पटना सिटी

  • अंक : 473 , रैंक 3

  • जिले में रैंक 3 प्राप्त होने के बाद जिम्मेदारी और भी बढ़ गयी है. अब मेरा लक्ष्य यही है कि आइआइटी की तैयारी भी बेहतर ढंग से करूं और इंजीनियर बनकर अपने परिवार के सदस्यों का नाम रोशन करूं. मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी में सेल्फ स्टडी व रिविजन करना मेरे लिए बेहतर साबित हुआ. स्कूल के शिक्षकों ने भी बेहतर ढंग से पढ़ाया था.

टैक्टर मैकेनिक के बेटे ने लहराया परचम

  • नाम : नीलेश कुमार वर्मा

  • स्कूल : आरएस हाइ स्कूल, सदिसोपुर

  • अंक : 473 , रैंक 3

  • मेरे पिता जी ट्रैक्टर मैकेनिक होते हुए भी हमेशा मुझे पढ़ाई के लिए मोटिवेट किया है. वे हमेशा कहते हैं कि केवल पढ़ाई पर फोकस करो. उनके संघर्षों को देखकर ही पढ़ाई में बेहतर करने का जज्बा बढ़ा. फिलहाल मैं साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करूंगा और आगे मेरी इच्छा ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनने की है.

हमेशा रहता था पढ़ाई पर फोकस, टार्गेट को करती थी पूरा

  • नाम : सोनम कुमारी

  • स्कूल : गवर्नमेंट हाइ स्कूल, नौबतपुर

  • अंक : 473 , रैंक 3

  • मेरा फोकस हमेशा पढ़ाई पर रहता था. मैं प्रतिदिन चैप्टर को पूरा करने का टारगेट तैयार करती थी और उसे पूरा करती थी. माता-पिता दोनों शिक्षक हैं तो वे भी हमेशा गाइड करते थे. मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिभावक और शिक्षकों को देती हूं. अब आगे मै साइंस संकाय स इंटर की पढ़ाई करूंगी. मैं आइएएस ऑफिसर बनकर ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहती हूं.

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दिन में खेती और रात में करता था पढ़ाई, सफलता का श्रेय पेरेंट्स को

  • नाम : शिव नारायण पंडित

  • स्कूल : हाइ स्कूल, पालीगंज

  • अंक : 473 , रैंक 3

  • मेरे पिताजी किसान हैं. मैं भी दिन में खाली समय मिलने पर खेती में उनका हाथ बटाता था. परीक्षा की तैयारी मैं अक्सर रात में ही बेहतर ढंग से करता था. मैं आगे साइंस स्ट्रीम से इंटर की पढ़ाई करूंगा. मैं शिक्षक बनकर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद को बेहतर शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराना चाहता हूं.

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