संवाददाता, पटना राज्य में मधुबनी जिला के उच्चैठ भगवती स्थान (उमगांव) से परसरमा होते हुए तारास्थान महिषी (सहरसा) तक पेव्ड सोल्डर सहित दो लेन करीब 160 किमी लंबाई में एनएच 527ए का निर्माण 2026 में पूरा होने की संभावना है. इस सड़क मार्ग में शामिल कोसी नदी पर देश का सबसे लंबा पुल भेजा-बकौर का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है. एनएच 527ए की अनुमानित लागत करीब पांच हजार करोड़ रुपये है. इस सड़क के बनने से पांच जिलों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी. इनमें मधुबनी, झंझारपुर, दरभंगा, सहरसा और सुपौल शामिल हैं. साथ ही तीन जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों तक पहुंचने में आम लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. इसमें मधुबनी जिले के बेनीपट्टी स्थित उच्चैठ स्थान, झंझारपुर के विदेश्वर स्थान और सहरसा के महिषी स्थित तारापीठ शामिल हैं. साथ ही नेपाल सहित उत्तर-पूर्व राज्यों तक आवागमन में लोगों को अधिक सहूलियत होगी. सूत्रों के अनुसार भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी जिला के उच्चैठ भगवती स्थान (उमगांव) से बासोपट्टी-बेनीपट्टी-रहिका-मधुबनी-रामपट्टी-अवाम-लउफा-भेजा-परसरमा-परसौनी-महिषी-बनगांव-बरियाही तक यह सड़क बन रही है. उमगांव-सहरसा पैकेज-1 के खंड-1 (उमगांव से कलुआही, एनएच 227 एल), खंड-2 (साहरघाट-रहिका, एनएच 227जे), नेपाल बार्डर से मधुबनी शहर को उच्चैठ धाम से जोड़गी. इसके साथ ही खंड-3 (मधुबनी बाइपास, एनएच 527ए) रहिका से रामपट्टी बाइपास का निर्माण किया जा रहा है, यह मधुबनी शहर के लिए बाइपास के रूप में भी काम करेगी. इसके साथ ही खंड-4 (विदेश्वर-स्थान-भेजा, एनएच 527ए) एनएच 27 (विदेश्वर स्थान धाम) से भेजा में बन रहे नये कोसी पुल को जोड़गी. कोसी नदी पर भेजा-बकौर पुल मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल जिले के बकौर के बीच कोसी नदी पर देश का सबसे लंबा पुल बन रहा है. इस पुल के निर्माण से मधुबनी और सुपौल की दूरी करीब 30 किमी घट जायेगी और लोगों को यातायात में सहूलियत होगी. एप्रोच सहित करीब 10.02 किमी लंबे इस पुल पर दिसंबर 2025 से यातायात की शुरुआत हो जायेगी.
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