पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि 1978 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने जब पिछड़ों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया था, उस समय मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया था. आज उसी कांग्रेस के साथ राजद का गठबंधन है. कारण, राजद के शीर्ष नेता शुरू से ही अति पिछड़ों को आरक्षण देकर आगे बढ़ाने के विरोधी रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर द्वारा 1978 में सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्ग के लोगों को आठ प्रतिशत तथा अतिपिछड़े वर्ग के लोगों को 12 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया. 1993 में जब यह पता चला कि बिहार में भी मंडल कमीशन की तर्ज पर अतिपिछड़ों एवं पिछड़ों को एक वर्ग में डालने की बात हो रही है तो मैंने साफ तौर पर इसका विरोध किया. 24 जनवरी, 1993 को हमने स्पष्ट रूप से कह दिया कि कर्पूरी जी के द्वारा जो आरक्षण लागू किया गया है, उसमें अगर कोई छेड़छाड़ होगी और उसमें अगर कोई परिवर्तन करने की कोशिश होगी तो हमलोग इसका पुरजोर विरोध करेंगे. बिहार की जनता ने जब नवंबर 2005 में मुझे मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका दिया, उसके बाद मैंने पंचायतों में महिलाओं और अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शुक्रवार को जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के पैतृक घर देखने गये. वहां से लौटने के बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर अपनी बात साझा की.
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