Madhubani Political News: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं में अपने क्षेत्र में योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन करने की होड़ मची हुई है. इसी कड़ी में राजद विधायक और बिहार सरकार के पूर्व उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ का अनोखा कारनामा सामने आया है. विधायक ने सड़क पूरी तरह बनने से पहले ही उसका उद्घाटन कर दिया. मामला सामने आने पर स्थानीय लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं और विभागीय अधिकारियों को आनन-फानन में उद्घाटन का बोर्ड हटाना पड़ा.
बिट्ठो सड़क मामला
मामला मधुबनी के पंडौल प्रखंड के सरिसब पाही पूर्वी के बिट्ठो का है, जहां मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत लगभग 1.11 करोड़ रुपए की लागत से 1.361 किलोमीटर सड़क बननी थी. सड़क का निर्माण कार्य जारी था और उस दौरान सिर्फ मिट्टीकरण का काम ही हुआ था. लेकिन 10 जुलाई 2025 को विधायक समीर कुमार महासेठ अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे और शिलापट्ट लगाकर सड़क का उद्घाटन कर दिया. उद्घाटन के बाद ठेकेदार ने केवल 150 मीटर पीसीसी का काम पूरा किया और बाकी निर्माण अधूरा छोड़ दिया. बाद में संवेदक ने उद्घाटन स्थल पर कार्य समाप्ति का बोर्ड लगा दिया और काम पूरी तरह ठप हो गया.
फर्जी नाम और अधूरी सड़कें
इतना ही नहीं, सरिसब पाही पंचायत में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्य योजना के तहत बनी दो सड़कों में भी गड़बड़ी सामने आई है. एक सड़क का नाम और स्थान वास्तविकता से मेल नहीं खाता. लगभग 43.70 लाख रुपए की लागत से बनी सड़क को “पासवान टोला सरिसब” नाम दिया गया, जबकि वह ओल्ड एनएच से एनएच 27 तक जाती है. इसी तरह सरिसब पाही दर्जी टोल से एनएच 27 के नाम से बनी 1.550 किलोमीटर सड़क वास्तव में हाटी चौक तक जाती है. इस सड़क पर भी लगभग 100 मीटर का काम अधूरा छोड़ दिया गया. दिलचस्प यह है कि दोनों अधूरी सड़कों का उद्घाटन भी विधायक ने 31 मई 2025 को कर दिया था.
स्थानीय लोगों की नाराजगी
इन घटनाओं से क्षेत्र में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर बिना काम पूरा हुए ही उद्घाटन क्यों कर दिया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जैसे ही उद्घाटन का शिलापट्ट लगता है, संवेदक कार्य समाप्ति का बोर्ड लगाकर काम बंद कर देता है. ऐसे में विधायक और उनके कार्यकर्ता योजनाओं की जांच-पड़ताल क्यों नहीं करते? कहीं न कहीं ठेकेदार और नेताओं के बीच मिलीभगत की भी चर्चाएं हैं.
विधायक का पक्ष
इस पूरे मामले पर पथ निर्माण विभाग से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन अधिकारियों से बयान नहीं मिल पाया. वहीं, राजद विधायक समीर कुमार महासेठ ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें योजना अधूरी छोड़े जाने की कोई जानकारी नहीं है. अगर संवेदक की ओर से गड़बड़ी या प्रोजेक्ट अधूरा छोड़े जाने की शिकायत मिलती है तो विभागीय अधिकारियों से कार्रवाई की जाएगी.
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जनता में उठ रहे सवाल
स्थानीय जनता अब यह सवाल पूछ रही है कि जब सड़कें पूरी नहीं बन रही हैं और फिर भी उनके उद्घाटन का राजनीतिक खेल खेला जा रहा है, तो जनता को असल लाभ कब मिलेगा? चुनावी माहौल में ऐसे अधूरे उद्घाटन जनता के गुस्से का कारण बनते जा रहे हैं.

